विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी गाय हमारी माता है,ये नारा खूब गूंजने वाला है. हर ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण कराने का ऐलान करने वाली कांग्रेस ने गायों का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. अब वो गायों के लिए मोबाइल एप लेकर आ रही है.
एप के ज़रिए गायों की मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रदेश में 7 लाख गाय आवारा घूम रही हैं. अब तक करीब 3 हजार का रेस्क्यू किया जा चुका है. भले ही वोटर आईडी न हो लेकिन गाय आधार कार्ड तो रखती हैं. उनके मन में ये बात जरूर आती होगी कि अगर हम वोट दे सकते तो पार्टियों से उनके नाम पर मांगे वोट का हिसाब जरूर मांगते.चुनावी माहौल तो तभी सजता है जब सड़कों पर घूमने वाली बेसहारा गाय नेताओं के लिए गऊ माता बन जाती हैं.चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस हर पार्टी खुद को गाय हितैषी साबित करने का दावा करती है.
– सियासत में गाय की इंट्री 2014 में हुई
– बीजेपी ने 2014 में अपने घोषणा पत्र में गौ रक्षा का मुद्दा उठाया
– एमपी में गायों के आधार कार्ड बनवाए गये
– 2017 में बीजेपी के ऐलान के बाद एमपी में देश का पहला गौ अभयारण्य बना
– विधानसभा 2018 के पहले बीजेपी ने गौमाता के नाम चला मास्टरस्ट्रोक
– ‘1962 पशुधन संजीवनी’ योजना के नाम से बीजेपी ने मोबाइल वैन बनायी
– बीजेपी के बाद कांग्रेस को भाया गौमाता का साथ
– कांग्रेस ने 2018 के घोषणा पत्र में हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने का किया ऐलान
– प्रदेश में 1000 गौशाला खोलने के आदेश के बाद कांग्रेस लाई ‘कैटल रेस्क्यू अभियान’
– प्रदेश में 7 लाख आवारा घूम रही गायों में अब तक करीब 3 हजार को किया गया रेस्क्यू
– गाय के मुद्दे को हाथ से नहीं जाने देना चाहती कांग्रेस
– अब कांग्रेस लाई नया प्लान, मोबाइल एप से रखेंगे गाय का ध्यान
गायों की मॉनिटरिंग और उऩकी सेहत का डाटा तैयार करने के नाम पर बनायी जा रही इस ऐपलिकेशन से ये तो साफ है कि कांग्रेस विधानसभा के साथ लोकसभा की सीढ़ियां भी गाय के बल चढ़ना चाहती है.