हंदवाड़ा टारगेट क्‍यों? समझें पाक की नई चाल

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नई दिल्‍ली/श्रीनगर
पिछले एक हफ्ते में दो बार आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई है। दोनों बार जगह थी उत्‍तरी कश्‍मीर के कुपवाड़ा जिले का हंदवाड़ा। रविवार को 13 घंटे चले एनकाउंटर में दो अधिकारियों समेत 5 जवान शहीद हुए थे। सोमवार को चेक पॉइंट पर तैनात CPRF जवानों पर हमला किया गया। जिसमें तीन जवान शहीद हुए और एक नागरिक भी मारा गया। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच इस तरह के हमले किसी नई स्‍ट्रैटजी की ओर इशारा करते हैं। इंटेलिजेंस इसे सीमा पार स्थित आतंकी लॉन्‍च पैड्स से जोड़कर देख रही है। पाकिस्‍तान से आने वाले आतंकियों के लिए हंदवाड़ा को टारगेट करना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्‍सा है।

घाटी में पाकिस्‍तान की नई साजिशहंदवाड़ा के एक घर में नागरिकों को बंधक बनाने वाला आतंकी पाकिस्‍तानी था। उसकी पहचान लश्‍कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर हैदर के रूप में हुई है। पीओके के हैदर और हंदवाड़ा के आसिफ रेशी को दो हफ्ते से जंगलों में देखा जा रहा था। इंटेलिजेंस सोर्सेज के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हंदवाड़ा एनकाउंटर में शामिल आतंकी हाल ही में घुसपैठ कर आए हो सकते हैं। हंदवाड़ा लीवा घाटी में घुसपैठ वाले रूट पर पड़ता है। सीमापार आतंकी लॉन्‍च पैड्स एक्टिव होने के इनपुट्स पहले आ चुके हैं। पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में धुंधियाल, शारदा और आठमुका में स्थित ये लॉन्‍च पैड्स लाइन ऑफ कंट्रोल पर केरण सेक्‍टर से सटे हुए हैं।

लोकल चेहरे पर दांव लगा रहा पाकिस्‍तानकश्‍मीर में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्‍तान लोकल चेहरे ही इस्‍तेमाल कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ISI ने करीब 100 विदेशी आतंकियों को अंडरग्राउंउ रहने को कहा है। उनकी जगह लोकल आतंकियों को सुरक्षा बलों से लड़ने का टारगेट मिला है। विदेशी आतंकी इन लोकल टेररिस्‍ट्स को सपोर्ट देने का काम कर रहे हैं। डोडा-किश्‍तवाड़-रामबन रेंज में युवाओं को रैडिकलाइज करने की कोशिश हो रही है।

हंदवाड़ा बन सकता है इस सीजन का एक्‍शन पॉइंटकाउंटर-टेरर ऑपरेटिव्‍स इशारा करते हैं कि अप्रैल महीने में 25-30 आतंकी सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए हैं। खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, पाकिस्‍तानी आतंकियों का फोकस उत्‍तरी कश्‍मीर पर होगा। हंदवाड़ा इस साल कई मुठभेड़ों का गवाह बन सकता है। बीच-बीच में अन्‍य इलाकों में भी हमले हो सकते हैं। जैसे मंगलवार को बड़गाम में CISF जवानों पर किया गया। आतंकियों ने जवानेां पर ग्रेनेड फेंका जिससे एक जवान को हल्‍की चोटें आई हैं। चार नागरिक घायल बताए जा रहे हैं।

रमजान के महीने में हो सकते हैं और हमलेखुफिया इनपुट्स इशारा करते हैं कि अगले 10-14 दिन बेहद अहम हैं। रमजान के महीने में आतंकी हमले तेज करने की फिराक में हैं। इंटेलिजेंस ब्रीफिंग में पहले ही अप्रैल में आतंकी गतिविधियों में बढ़त की आशंका जताई गई थी। जैश-ए-मोहम्‍मद सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज को निशाना बनाकर सुसाइड अटैक्‍स कर सकता है।

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