सतीश चांडक, सुकमा: भले ही आज हम चांद पर जाने की बात कह रहें हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास भरा हुआ है। आज ऐसा ही वाकया प्रदेश के वनांचल क्षेत्र के सुकमा जिला अस्पताल में देखने को मिला, जहां एक ग्रामीण अपने भाई की आत्मा की शांति के लिए अपने परिजनों के साथ जिला अस्पताल पहुंचा और धार्मिक कर्मकांड कर चलता बना। युवक की इस करतूत को वार्ड में भर्ती मरीज और पूरा स्टाफ देखते रह गया।
मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह 10 बजे ग्रामीण पोज्जा अपने परिजनों के साथ जिला अस्पताल पहुंचा। उसे दरवाजे पर देखकर गार्ड ने रोक दिया। भीतर जाने की वजह पूछा तो गार्ड भी चौंक गया। ग्रामीण ने उसे बताया कि उसके भाई की मौत अस्पताल के वार्ड में हो गई थी, जिसके बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए यहां पर कुछ रीति-रिवाज करना है। गार्ड ने भीतर जाने से मना कर दिया। लेकिन काफी देर तक ग्रामीण वहां पर डटा रहा और बहस करता रहा।
अंत में वो अपने परिजनों के साथ अस्पताल के उस वार्ड में पहुंचा जहां पर उसके भाई की मौत हो गई थी। जहां पर ग्रामीण अपने परिजनों के साथ रिति-रिवाज के हिसाब से कुछ किया और फिर वहां से वापस अपने घर लौट गया। इस दौरान अस्पताल के उस वार्ड में मौजूद मरीज यह सब देखते रहे।