विहारी ने 70 गेंद में 55 रन की पारी खेलकर प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि वह आक्रमण करना चाहते थे ताकि चेतेश्वर पुजारा अपना नैसर्गिक खेल खेल सकें। विहारी ने कहा, ‘हां, निश्चित रूप से, क्योंकि पिच उतनी खराब नहीं थी जैसी हमने उम्मीद की थी। उन्होंने सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी की और वे जानते थे कि यह पिच कैसा प्रदर्शन करेगी।’
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उन्होंने कहा, ‘पृथ्वी ने लय तय की, पुजारा ने समय लिया लेकिन सभी खिलाड़ी गलत समय पर आउट हुए। कोई भी खिलाड़ी पिच के कारण आउट नहीं हुआ। ज्यादातर खिलाड़ी अपनी गलतियों से पविलियन पहुंचे। पिच ठीक-ठाक थी।’
इस पिच पर पहली पारी के हिसाब से 300 से ज्यादा का स्कोर आदर्श होता। विहारी शॉर्ट पिच का सामना अच्छी तरह कर रहे थे और उन्होंने कहा कि उनके आउट से पुजारा के नैसर्गिक खेल में भी बाधा पहुंची। दोनों ने वेलिंग्टन में पहले टेस्ट में रक्षात्मक खेल दिखाया था जिससे भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा था।
विहारी ने कहा, ‘पुजारा एक छोर पर खेल रहा था और मैं सकारात्मक खेलकर पारी को आगे बढ़ाना चाहता था क्योंकि वह ऐसा खिलाड़ी है जो लंबी पारी खेलता है।’
उन्होंने अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए कहा, ‘इसलिए, मैं भी समय नहीं लेना चाहता था जिससे पुजारा पर या हमारी पारी पर दबाव बढ़ता क्योंकि अगर आप स्कोरबोर्ड को बढ़ाओगे नहीं तो आप पिछले मैच की तरह एक ही जगह अटक जाते। मैंने थोड़ा सकारात्मक खेलकर पारी आगे ले जाने का फैसला किया।’
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