राज्यसभा के नेता थावरचंद गहलोत और राजग की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल की उपस्थिति में हरिवंश ने अपना नामांकन भरा। कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितम्बर से शुरू होना है जो एक अक्टूबर तक चलेगा।
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सत्र के पहले दिन राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव हो सकता है। नामांकन की प्रक्रिया सात सितम्बर को आरंभ हुई थी। नामांकन की आखिरी तारीख 11 सितम्बर है। हरिवंश पहले भी राज्यसभा के उपसभापति रह चुके हैं।
राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल इसी साल समाप्त होने के बाद यह पद खाली हुआ था। एक बार फिर वह जद(यू) के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के सदस्य बने हैं। साल 2018 में राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हुए चुनाव में हरिवंश ने कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को हराया था।
इस बार भी हरिवंश की जीत सुनिश्चित दिख रही है। भाजपा उनकी जीत के लिए आवश्यक आकंड़े जुटाने को लेकर आश्वस्त है। सूत्रों के मुताबिक, हरिवंश को वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति और बीजू जनता दल के समर्थन के साथ करीब 140 सदस्यों का साथ मिल सकता है।
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राज्यसभा की सदस्य संख्या 245 है। इनमें भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के सदस्यों की संख्या 113 है। भाजपा के रणनीतिकारों की कोशिश, उपसभापति के चयन को लेकर आम सहमति बनाने की है ताकि हरिवंश निर्विरोध जीत सकें।
उच्च सदन में भाजपा के मुख्य सचेतक शिव प्रताप शुक्ला द्वारा जारी किए गए विप में कहा गया है, ‘राज्यसभा में भाजपा के सभी सदस्यों से 14 सितंबर 2020 (सोमवार) को दिन भर सदन में सकारात्मक रूप से उपस्थित रहने और सरकार के रुख का समर्थन करने का अनुरोध किया जाता है।’
वहीं, कांग्रेस ने विपक्ष की ओर से राज्यसभा उपसभापति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का विचार बना लिया है। विपक्ष द्वारा द्रविड़ मुनेत्र कजगम (डीएमके) नेता तिरुचि शिवा के नाम को आम उम्मीदवार के रूप में लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से बात की है और उन्होंने शिवा के नाम पर अपनी सहमति दी है, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता और चार बार के राज्यसभा सांसद हैं। चुनाव 14 सितंबर को दोपहर तीन बजे होगा। नामांकन 11 सितंबर को दोपहर तक स्वीकार किए जाएंगे।
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