हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर किए नक्सलियों ने संविधान को दी सलामी, कहा- गर्व से चौड़ा हो गया सीना

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सतीश माहेश्वरी सुकमा: अब तक इनके हाथ गणतंत्र के विरोध में उठते थे लेकिन पहली बार इनके हाथों ने तिरंगे की सलामी ली, जी हां सुकमा जिला मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में करीब एक दर्जन आत्मसमर्पण नक्सलियो ने तिरंगे को सलामी दी और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल भी हुए। एसपी शलभ सिन्हा ने उन सभी सरेंडर नक्सलियो से बातचीत की।

सरेंडर नक्सली कृष्णा ने चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने अभी तक गणतंत्र दिवस का विरोध किया है। नक्सल संगठन के कहने पर जगह जगह काले झंडे फहराया करते थे। और ग्रामीणों को गणतंत्र का विरोध करने के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन सरेंडर करने के बाद पहली बार कार्यक्रम में शामिल हुए तो हमे गणतंत्र के सही मायने समझ मे आए। हमे एहसास हुआ कि हम गलत थे। आज हम बहुत खुशी हो रही है कि हम लोग गणतंत्र कार्यक्रम में शामिल हुए।

वही एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि हम चाहते थे कि सरेंडर नक्सली भी गणतंत्र दिवस में भाग ले और देखकर खुशी हो रही है कि सरेंडर नक्सली भी बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया है।

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