अंबिकापुर. कॉलेज परिसर में छात्र की बोलेरो की टक्कर से गम्भीर रूप से घायल एक 3 साल की मासूम की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब उसके परिजन को शव वाहन तक नहीं मिला और उसके पिता को अपने गोद में बच्चे को रख आटो में घर ले जाना पड़ा।
लोगों ने इसे जहां सिस्टम की लापरवाही बताई, वहीं यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र का होने की वजह से सभी ने अफसोस भी जताया। मेडिकल कॉलेज में एक निशुल्क शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है।
सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में आमूल चूल परिवर्तन लाने का दावा कर रही है। इधर एक मासूम की सड़क हादसे में घायल हो जाने पर इलाज के दौरान मौत हो जाती है और उसके पिता को निशुल्क शव वाहन के लिए भटकना पड़ता है। जानकारी के अनुसार शनिवार को मदनपुर में स्थित पार्वती महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम था।
ग्राम सिलफिली के पहाडग़ांव निवासी 3 वर्षीय पुस्तम पाल पिता गौतम वार्षिकोत्सव देखने अपने दादा रामधनी के साथ गया था। वह दादा के साथ जैसे ही कॉलेज पहुंचा, इसी दौरान कॉलेज में प्रवेश कर रहे छात्र के बोलेरो ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।
हादसे में गम्भीर रूप से घायल पुस्तम को तड़पता देख तत्काल उसे आसपास के लोग मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। यहां रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।
शव वाहन नहीं मिला तो ऑटो में ले गए
इलाज के दौरान मौत होने के बाद पुस्तम के दादा व पिता को मासूम का शव ले जाने के लिए घंटों निशुल्क शव वाहन का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद भी वाहन नहीं मिलने से परिजन उसके शव को आटो में अपनी गोद में रखकर घर ले गए।
1099 में किया था कॉल
परिजन ने बताया कि पीएम के बाद शव को ले जाने के लिए ३ घंटे तक अस्पताल में परेशान होकर घूमते रहे लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। उन्होंने शव वाहन के लिए 1099 पर भी कॉल किया था लेकिन 3 घंटा बीत जाने के बाद भी शव वाहन नहीं पहुंच सका।
तीन घंटे तक भटकते रहे परिजन
सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने का दावा कर रही है लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार को पीएम के बाद शव को घर ले जाने के लिए परिजन को तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अस्पताल में कुछ लोगों ने इसे व्यवस्था की सबसे बड़ी विडंबना बताई।
शव लेकर चले गए होंगे परिजन
मेडिकल कॉलेज से ही शववाहन की व्यवस्था की जाती है। प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं थी। पीएम के बाद परिजन चले गए होंगे। इसकी वजह से शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई होगी।
डॉ. एआर वर्मा, सहायक अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज