नई दिल्ली: RBI tokenization rules- आरबीआई ने डेटा स्टोरेज से जुड़े टोकनाइजेशन के नियम जारी किए हैं. आपको बता दें कि ग्राहक अपने कार्ड की डिटेल्स किसी थर्ड पार्टी ऐप (जैसे- फूड डिलेवरी ऐप, कैब सेवा देने वाली कंपनियों की ऐप) के साथ शेयर नहीं करनी होगी. पहले ऐसा करने से यूजर के कार्ड का डेटा इन वेबसाइट्स या ऐप पर सेव होता था, जिसके चोरी होने का डर लगा रहता है. टोकन सर्विस ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर करेगी. इसे लेने के लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और न ही बैंक/कार्ड जारी करने वाली कंपनियों द्वारा अनिवार्य रूप से इसे लागू किया जाएगा.
1 जनवरी से अब कौन से नए नियम होंगे लागू- आरबीआई (RBI) के नए नियमों के तहत 1 जनवरी, 2022 से कार्ड लेनदेन/पेमेंट में कार्ड जारीकर्ता बैंक या कार्ड नेटवर्क के अलावा कोई भी वास्तविक कार्ड डेटा स्टोरेज नहीं करेगा. इसमें पहले से स्टोर ऐसे किसी भी डेटा को फिल्टर किया जाएगा. हालांकि, ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग या सुलह मकसद के लिए, संस्थाएं सीमित डेटा स्टोर कर सकती हैं. वास्तविक कार्ड नंबर और कार्ड जारीकर्ता के नाम के आखिरी चार अंक तक के स्टोर की छूट होगी.
नियमों को मानने की जिम्मेदारी कार्ड नेटवर्क की होगी. CoFT मोबाइल, लैपटॉप, डेक्सटॉप स्मार्ट वॉच आदि के जरिए किए गए पेमेंट पर भी नियम लागू होगा. टोकन सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से जारी किए गए कार्ड के लिए ही टोकनाइजेशन की सुविधा की पेशकश की जाएगी. कार्ड डेटा को टोकननाइज करने और डी-टोकनाइज करने की क्षमता एक ही टोकन सर्विस प्रोवाइडर के साथ होगी. कार्ड डेटा का टोकनकरण ग्राहक की सहमति के साथ किया जाएगा. टोकनकरण के लिए AFA का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
बैंकों के एटीएम से तय फ्री लिमिट से ज्यादा बार पैसा निकालने पर 1 जनवरी 2022 से नया चार्ज देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को अगले साल से एटीएम के जरिये तय फ्री मंथली लिमिट से ज्यादा बार कैश निकालने या दूसरे लेन-देन करने को लेकर फीस बढ़ाने की परमिशन दे दी है. इसके तहत बैंक कस्टमर अगर फ्री निकासी या दूसरी सुविधाओं की तय लिमिट से ज्यादा बार लेन-देन करते हैं, तो उन्हें हर ट्रांजेक्शन पर 21 रुपये देने होंगे जो अभी 20 रुपये है.