बिहार विधानसभा के लिये आसन्न चुनाव से ठीक पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। गृह विभाग ने इसकी जानकारी दी। बिहार के गृह विभाग की ओर से मंगलवार की देर शाम जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल फागू चौहान ने पांडेय के अनुरोध को मंजूरी दे दी है।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एसके सिंघल को बिहार के पुलिस महानिदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सिंघल वर्तमान में महानिदेशक (होमगार्ड्स) के पद तैनात हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में ही टिकट चाहते थे गुप्तेश्वर पांडेय
पांडेय हाल में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के नीतीश कुमार सरकार पर हमले को लेकर बिहार सरकार के बचाव के लिए सुर्खियों में रहे थे। गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उनकी वीआरएस याचिका स्वीकार नहीं की और उन्हें पुलिस सेवा में बहाल कर दिया था।
11 साल पहले भी राजनीति के लिए VRS ले चुके हैं गुप्तेश्वर पांडेय
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में भी वीआरएस लिया था और उस समय वह लोकसभा चुनाव में उतरना चाहते थे। माना जाता है कि गुप्तेश्वर पांडे बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। गुप्तेश्वर पांडे को उम्मीद थी कि बक्सर से बीजेपी के तत्कालीन सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी दोबारा से प्रत्याशी नहीं बनाएगी। लेकिन लालमुनि चौबे की वजह से उनका मंसूबा पूरा नहीं हो पाया था। सियासी अरमानों पर पानी फिरने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने दोबारा से नौकरी में वापसी करना ही मुनासिब समझा।
इस्तीफे के 9 महीने बाद गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार सरकार से कहा कि वे अपना इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं और नौकरी करना चाहते हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते इस्तीफा वापस कर दिया था। इस तरह से गुप्तेश्वर पांडे की पुलिस सर्विस में नौकरी में वापसी हो गई। 2009 में जब पांडे ने वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था।
+ There are no comments
Add yours