14 सितंबर से चलेगी संसद, पर उससे पहले ही शुरू हो गया संग्राम, जानिए विपक्ष क्यों लाल

नई दिल्ली
कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पहली बार सदन (Monsoon Seccion) की कार्यवाही होनी है लेकिन उससे पहले ही विपक्ष हमलावर हो गया है। दरअसल, इस बार सदन की कार्यवाही से प्रश्नकाल को हटा दिया गया है। इसी बात से विपक्ष बेहद नाराज दिख रहा है। प्रश्नकाल रद्द होने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) ने हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अगर संसद में बाकी काम अपने समय से तय किए गए तो फिर प्रश्नकाल क्यों हटाया गया।

विपक्ष ने साधा निशाना
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच 17वीं लोकसभा () का चौथा सत्र 14 सितंबर 2020 से शुरू होने जा रहा है। हालांकि इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। लोकसभा सत्र के पहले दिन यानी 14 सितंबर तक को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक सदन चलेगी और 15 सितंबर यानी एक दिन बाद सदन 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा। इस बार सदन की कार्यवाही से प्रश्नकाल को हटा दिया गया है, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना भी साधा है।

नियमों में बदलावकोरोना वायरस के संकट को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में कुछ बदलाव किए गए हैं, बदलावों के अनुसार मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा लेकिन शून्य काल रहेगा। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। लोक सभा पहले दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक बैठेगी। बाकी दिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठक होगी।

14 सितंबर से एक अक्टूबर तक कुल 18 बैठकेंप्राइवेट मेंबर बिजनेस नहीं होगा। इसी तरह राज्य सभा पहले दिन यानी 14 सितंबर को दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी लेकिन बाकी दिन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक ही बैठेगी। शनिवार और रविवार छुट्टी नहीं होगी। 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक कुल 18 बैठकें होंगी।

विपक्ष गुस्सायाटीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को ट्वीट लिखा, ‘सांसदों को प्रश्नकाल के लिए संसद को 15 दिन पहले प्रश्न जमा करना जरूरी होता है। सत्र 14 सितंबर से शुरू है. इसलिए प्रश्नकाल रद्द किया गया? विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार से सवाल पूछने का अधिकार खो दिया। शायद 1950 से पहली बार? संसद के कामकाज के बाकी घंटे पहले की तरह ही हैं तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया? महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या।’

क्या होता है संसद में प्रश्नकाल?लोकसभा में कार्यवाही का पहला घंटा (11 से 12 बजे) प्रश्नकाल कहलाता है जबकि राज्यसभा में कार्यवाही के पहले घंटे को शून्यकाल (ज़ीरो आवर) कहते हैं। प्रश्नकाल में सांसद विभिन्न सूचीबद्ध मुद्दों पर प्रश्न करते हैं जिसकी शुरुआत राज्यसभा में 12 बजे से होती है। वहीं, शून्यकाल में सांसद बगैर तय कार्यक्रम के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्यक्त करते हैं।

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