20 को आएगा जल्लाद, हर फांसी के 15 हजार

1 min read

नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन नाम के जल्लाद को दो दिन पहले ही बुला लिया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि वह चारों को एक साथ फांसी देने का ट्रायल कर सके। इसमें कहीं कोई कमी रह जाती है तो उसे समय रहते ठीक किया जा सके। चारों को फांसी देने के लिए जल्लाद को 60 हजार रुपये मेहनताना दिया जाएगा। प्रति फांसी 15 हजार रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है।

तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि यूपी जेल प्रशासन से उनके पास अंतिम मंजूरी पत्र मिल गया है। इसमें उनकी ओर से बता दिया गया है कि पवन के अलावा अन्य दूसरा कोई जल्लाद उनके पास उपलब्ध नहीं है। मेरठ में रहने वाले को बोल दिया गया है कि वह अलर्ट पर रहे। उसे तिहाड़ जेल में चार कैदियों को फांसी देने जाना है। मामले में साफ हो गया है कि अब पवन जल्लाद ही चारों को फांसी पर लटकाएगा। इस बात को देखते हुए जेल प्रशासन ने तय किया है कि मेरठ से जल्लाद को 21 या 22 जनवरी की तड़के नहीं बल्कि 20 जनवरी की सुबह ही तिहाड़ जेल बुला लिया जाएगा।

पवन की पूरी जिम्मेदारी तिहाड़ प्रशासन लेगा
जल्लाद को मेरठ से तिहाड़ जेल लाने और फिर फांसी पर चारों कैदियों को लटकाने के बाद उसे वापस मेरठ पहुंचवाने का काम तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से किया जाएगा। जल्लाद के खाने-पीने का भी पूरा प्रबंध तिहाड़ प्रशासन करेगा। हालांकि, जेल प्रशासन ने इस बात का फिलहाल खुलासा करने से इनकार कर दिया कि 20 और 21 जनवरी को जल्लाद को तिहाड़ जेल कैंपस में ही ठहराया जाएगा या कहीं बाहर।

पढ़ें:

बताया जाता है कि 20 जनवरी को जल्लाद को तिहाड़ जेल बुलाकर अधिकारी सबसे पहले उसे तिहाड़ की उस जेल नंबर-3 में ले जाएंगे जहां फांसी कोठी है। जल्लाद को तिहाड़ के पूरे कायदे-कानून समझाए जाएंगे कि उसे फांसी देते वक्त क्या-क्या ख्याल रखना है। चारों के वजन जितनी डमी बनाकर फिर से डमी को फांसी पर देने का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल में यह देखा जाएगा कि अंतिम समय में लीवर खींचने में या फिर फांसी पर लटकाए जाने वाली रस्सी में कोई समस्या हो नहीं आ रही है।

ट्रायल के बाद फिर उन रस्सियों को बटर लगाकर सुरक्षित रखवा दिया जाएगा। ताकि उन रस्सियों तक किसी अन्य की पहुंच ना होने पाए। खुद जल्लाद भी चाहेगा तो फांसी देने से पहले वह रस्सी तक नहीं पहुंच सकेगा। रस्सियों की भी उसी तरह से 24 घंटे सातों दिन निगरानी की जा रही है जिस तरह से फांसी पर लटकाए जाने वाले चारों कैदियों की।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours