नई दिल्ली : सौरमंडल में हो रही एक घटना ने वैज्ञानिकों को हैरान कर रखा है. दरअसल पृथ्वी के घूमने की गति पहले से ज्यादा तेज हो गई है. इसकी स्पीड इतनी है कि पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. अब वैज्ञानिक इस सोच में डूबे हुए हैं कि इसे कैसे मैनेज किया जाए? 24 घंटे से पहले ही धरती अपना एक चक्कर पूरा कर ले रही है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इसका हमारे जीवन पर क्या असर होगा?
समय में होगा बदलाव
सभी जानते हैं कि धरती 24 घंटे में अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाती है. लेकिन पिछले साल जून से लेकर अब तक धरती अपनी धुरी पर ज्यादा तेजी से घूम रही है. धरती इस समय 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम समय लेकर घूम रही है. यानी हमारे 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम हो चुके हैं. इसकी वजह से धरती पर मौजूद सभी देशों का समय बदल जाता है.
पिछले 50 सालों से धरती के घूमने का एकदम सही आकंड़ा निकाला जा रहा है. 24 घंटे में 86,400 सेकेंड्स होते हैं. यानी इतने सेकेंड में हमारी धरती एक चक्कर पूरा करती है. लेकिन पिछले साल जून से 86,400 सेकेंड में 0.5 मिलीसेकेंड की कमी आ गई है. 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकेंड कम था.
संचार व्यवस्था में हो सकती है दिक्कतें
2020 से पहले सबसे छोटा दिन 2005 में था. लेकिन पिछले 12 महीनों में ये रिकॉर्ड कुल मिलाकर 28 बार टूटा है. समय का यह बदलाव सिर्फ एटॉमिक क्लॉक पर ही देखा जा सकता है, लेकिन इसकी वजह से कई सारी दिक्कतें आ सकती हैं. हमारी संचार व्यवस्था में काफी दिक्कत आ सकती है. क्योंकि हमारे सैटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार सेट किया जाते है. ये समय तारों, चांद और सूरज के पोजिशन के अनुसार सेट की जाती है.