आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या के 29 साल पुराने मामले में आरोपी पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, पंजाब पुलिस की टीम ने गुरुवार को सैनी की तलाश में दिल्ली और शिमला स्थित उनके ठिकानों पर छापेमारी की। इसके अलावा शुक्रवार को उनके चंडीगढ़ के मकान और होशियारपुर स्थित पैतृक गांव खुदा कराला में पुलिस ने छापा मारा।
दरअसल एक सितंबर को मोहाली की जिला अदालत ने सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद से ही पुलिस के पास सैनी को गिरफ्तार करने के लिए लंबा समय मिला, लेकिन 10 दिन बीतने पर भी सैनी पुलिस के हाथ नहीं आए। हालांकि अब पुलिस उनके और संभावित ठिकानों पर भी छापामारी कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट का विकल्प शेष
बता दें कि पंजाब के पूर्व डीजीपी को उस वक्त पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से झटका लगा था जब हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत न मिलने के बाद सैनी के पास अब सुप्रीम काेर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने या पुलिस के समक्ष समर्पण करने का ही विकल्प बचा है।
ये है पूरा मामला
मामला 1990 के दशक का है, जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। 1991 में उन पर एक आतंकी हमला हुआ। उस हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिसकर्मी मारे गए थे, वहीं सैनी खुद भी जख्मी हो गए थे। उस केस के संबंध में पुलिस ने सैनी के ऑर्डर पर पूर्व आईएएस ऑफिसर दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसे हिरासत में रखा और फिर बाद में कहा कि वह पुलिस की गिरफ्त से भाग गया। वहीं, परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई।
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