3rd and 5th class children will also give board exam अब हरियाणा में तीसरी और पांचवीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट बोर्ड परीक्षा देंगे। बता दें कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड तीसरी और पांचवीं की बुनियादी परीक्षाएं आयोजित कराएगा। इतना ही नहीं 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा का मसौदा भी शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने सरकार के समक्ष भेजा है।
3rd and 5th class children will also give board exam इसके साथ तीसरी कक्षा के एग्जाम स्कूल स्तर पर बोर्ड प्रशासन अपनी निगरानी में कराने की तैयारी में जुटा है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने नई शिक्षा नीति के तहत ये फैसला लिया है। सरकार जल्द ही 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा को मंजूरी दे सकता है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का आयोजन कर रहा है। हर साल 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट बोर्ड की परीक्षाएं दे रहे हैं। इसकी के साथ 5वीं का बोर्ड फिर से लागू होगा जबकि नई शिक्षा नीति के तहत तीसरी कक्षा भी बोर्ड की होगी।
हालांकि ये बुनियादी परीक्षा होगी, जिसमें परीक्षा का संचालन बोर्ड कराएगा, मगर बच्चों को किसी दूसरे विद्यालय में जाने की जरूरत नहीं होगी।
इस परीक्षा से बच्चों की शिक्षा का स्तर काफी सुधरेगा और उन्हें रट्टा लगाने के बजाय उनके ज्ञान का भी मूल्यांकन होगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन का दावा है कि नई शिक्षा नीति 2020 में तीसरी और पांचवीं के साथ आठवीं की परीक्षा उपयुक्त प्राधिकरण के माध्यम से कराए जाने का प्रावधान किया गया है।
विशेष अवसर परीक्षार्थियों का भी सामान्य के साथ घोषित होगा रिजल्ट
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से दसवीं और बारहवीं की मार्च परीक्षा में नहीं बैठ पाने वाले विद्यार्थियों के लिए अप्रैल में शिक्षा बोर्ड ने विशेष अवसर परीक्षा का आयोजन किया था।
विशेष अवसर की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का रिजल्ट भी मार्च की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के साथ ही घोषित किया जाएगा। बोर्ड प्रशासन 14 या 15 मई को रिजल्ट घोषित करने की तैयारियों में जुटा है।
एमआईएस पोर्टल से भी शिक्षा बोर्ड जुटा रहा बच्चों की जानकारी
शिक्षा बोर्ड प्रशासन तीसरी और पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग के एमआईएस पोर्टल से भी जानकारी जुटा रहा है। हालांकि एमआईएस पोर्टल पर हरियाणा बोर्ड से संबद्धता के अलावा सीबीएसई से संबद्धता रखने वाले विद्यार्थियों का भी डॉटा अपलोड है।
मगर बोर्ड इन परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की अनुमानित संख्या का आकलन करने में लगा है, जिसके आधार पर फिर प्रश्नपत्र तैयार कराना, परीक्षाएं आयोजित कराने की प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।
गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर भी मंडराएंगे संकट के बादल
शिक्षा बोर्ड द्वारा तीसरी और पांचवीं की परीक्षाएं आयोजित कराने के निर्णय से प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या पर भी स्वत: लगाम लग जाएगी। क्योंकि फिलहाल बोर्ड दसवीं और बारहवीं की परीक्षा ले रहा है, जबकि पहली से आठवीं तक कोई बोर्ड परीक्षा नहीं है।
ऐसे में निजी स्कूल न शिक्षा विभाग से मान्यता ले रहे हैं न बोर्ड से संबद्धता की उन्हें कोई जरूरत है। मगर तीसरी और पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में बोर्ड की संबद्धता अनिवार्यता भी रहेगी। अब तक धड़ल्ले से चल रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर भी संकट के बादल मंडरा जाएंगे।
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