4 दिनी टेस्ट- सचिन, पॉन्टिंग और…, किसी को नहीं पसंद

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सिडनी/नई दिल्ली/मुंबई/इस्लामाबाद
आईसीसी ने 2023 से 2031 तक की अवधि में 5 की बजाए चार दिवसीय टेस्ट मैचों के आयोजन के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कहकर लगता है विवादों के छत्ते को छेड़ दिया है। पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों ने क्रिकेट के पारंपरिक और सबसे पुराने फॉर्मेट से छेड़छाड़ का विरोध करते हुए अपनी आवाज बुलंद की है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व फास्ट बोलर ग्लेन मैक्ग्रा, उनके हमवतन ऑफ स्पिनर नाथन लियोन और भारतीय कप्तान विराट कोहली द्वारा विरोध जताए जाने के बाद दिग्गज और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने भी प्रस्ताव के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर दी। पूर्व भारतीय ओपनर ने चार दिन के टेस्ट मैच को आइडिया को ही हास्यास्पद करार दे दिया। इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज ने भी इसे खिलाफ आवाज उठाई है और उन्होंने सचिन तेंडुलकर की बात का समर्थन करते हुए इसे एशियाई देशों के खिलाफ चाल बताया है।

मैच ज्यादा ड्रॉ होंगे
ऑस्ट्रेलिया के अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज रिकी पॉन्टिंग ने चार दिवसीय टेस्ट मैच के विचार का विरोध किया और कहा कि वह इस तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। रिकी ने कहा कि मैं चार दिन के टेस्ट मैच के खिलाफ हूं लेकिन जिन लोगों के दिमाग में यह विचार आया, मैं उनसे जानना चाहूंगा कि इसके पीछे प्रमुख कारण क्या हैं। इस पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि चार दिवसीय टेस्ट मैच आयोजित करने से और अधिक मैच ड्रॉ होंगे। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि पिछले दो वर्षों में हमने कई मैच चार दिन में समाप्त होते हुए देखे लेकिन मैंने इस पर गौर किया कि पिछले दशक में कितने टेस्ट मैच ड्रॉ हुए। अगर सभी मैच चार दिवसीय होते तो अधिक टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म होते।

स्पिनरों का ख्याल रखेंसचिन और गौतम गंभीर जैसे भारत के पूर्व क्रिकेटर्स ने आईसीसी के चार दिनी टेस्ट के आइडिया को नकार दिया। इन दोनों का विचार है कि टेस्ट में पांचवें दिन स्पिनरों का बोलबाला रहता है और वे हालात का फायदा उठाकर अपनी टीम के लिए योगदान देते हैं लेकिन आईसीसी का यह आइडिया उनसे यह हक छीन लेगा। सचिन ने कहा कि स्पिनर पुरानी हो चुकी गेंद और टूटी हुई विकेट का फायदा उठाकर पांचवें और अंतिम दिन कमाल करते हैं। यह सब टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है।


ऐसे में क्या यह उचित होगा कि स्पिनरों का यह हक उनसे छीना जाए। 200 टेस्ट मैच खेलने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि आज टी20 मैच हो रहे हैं। वनडे मैच हो रहे हैं और अब तो टी10 मैच भी होने लगे हैं। ऐसे में क्रिकेट के सबसे प्यूरेस्ट फॉर्म के साथ छेड़छाड़ जायज नहीं है। इसकी कोई जरूरत नहीं है। गंभीर ने कहा कि यह हास्यास्पद विचार है।

डे-नाइट टेस्ट की वकालतसचिन और गंभीर की तरह विराट कोहली ने भी पांच दिन के टेस्ट मैच की वकालत करते हुए शनिवार को कहा था, ‘मेरे हिसाब से टेस्ट मैच के फॉर्मेट में बदलाव नहीं होने चाहिए। जैसा मैंने कहा टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट लाया गया है। इससे उत्साह पैदा होता है, लेकिन इससे ज्यादा इस फॉर्मेट में छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आप टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट का बदलाव कर सकते हैं। इसका चलन शुरू भी हो चुका है। किसी और बात पर ध्यान केंद्रित करने की जगह सिर्फ डे-नाइट टेस्ट पर ही फोकस किया जाए तो इस फॉर्मेट में काफी आकर्षण आ सकता है।

परंपरा का हवालाऑस्ट्रेलिया के पूर्व फास्ट बोलर ग्लेन मैक्ग्रा भी इसके खिलाफ हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था,’मैं काफी हद तक पारंपरिक इंसान हूं। खेल जैसा है मुझे वो वैसा ही पसंद है। मेरे लिए पांच दिन का टेस्ट मैच काफी विशेष हैं। मुझे इसे छोटा होते देखकर बहुत नफरत होगी।’ उधर, ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चार दिन का टेस्ट करने से ज्यादा मैच ड्रॉ होंगे। पांचवां दिन अहम होता है। एक तो, मौसम भी कारण है। आज के समय में विकेट फ्लैट रहते हैं तो बल्लेबाजों को ज्यादा मौका मिलता है। आपको समय चाहिए होता है कि पिच टूटे और आप स्पिनरों को लेकर आओ। पांचवें दिन भी ऐसा होता है, मैं पूरी तरह से इसके खिलाफ हूं।’

एशियाई देशों के खिलाफ साजिश
पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी आईसीसी के इस विचार को बकवास बताया है। उन्होंने सचिन तेंडुलकर की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एशिया के खिलाफ आईसीसी की साजिश है। टेस्ट मैच पर सबसे ज्यादा बोलबाला एशिया के स्पिनर्स का ही रहा है और मैच के 5वें दिन क्या कुछ होता है यह सभी जानते हैं। ऐसे में सचिन ने सही कहा है कि 5वां दिन काटने से स्पिनर्स से उनका हक छिन जाएगा और इसकी कोई जरूरत नहीं है।

अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए शोएब अख्तर ने कहा,’ क्रिकेट को छोटा करने के लिए आपने पहले ही वनडे और फिर टी20 कॉन्सेप्ट को ला चुके हैं तो फिर अब टेस्ट के साथ यह छेड़छाड़ करने की क्या जरूरत है। इसके साथ ही अख्तर ने कहा कि बिना बीसीसीआई की मर्जी के आईसीसी इस कदम को उठा नहीं सकता और इन दिनों बीसीसीआई की कमान सौरभ गांगुली के हाथ में है, जो प्रशासक बनने से पहने खुद एक कप्तान और खिलाड़ी रहे हैं। वह टेस्ट मैचों को पसंद करते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि उनके नेतृत्व वाला बीसीसीआई इस प्रस्ताव की हामी नहीं भर सकता।’

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