जम्मू-कश्मीर: प्रशासन ने बीते चार महीनों में हिरासत में रखे गए पांच राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया है। सोमवार को जिनकी रिहाई हुई, उनमें दो Peoples’ Democratic Party (PDP) के, दो National Conference (NC) के और एक निर्दलीय पूर्व विधायक शामिल हैं।
इन पांचों को जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा छीनने वाले अनुच्छेद 370 के अगस्त में लागू होने के बाद सुरक्षा कारणों से हिरासत में ले लिया गया था, जबकि सोमवार को इन्हें रिहा किया गया।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार रिहा किए गए नेताओं में इशफाक जब्बार, गुलाम नबी भट, बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी हैं। जानकारी के मुताबिक, इन सभी को एमएलए हॉस्टल में रखा गया था।
रोचक बात है कि इन नेताओं को तो रिहा कर दिया गया, मगर कश्मीर के तीन बड़े सियासी नाम अभी भी ‘हिरासत’ में हैं। National Conference अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला, उनके बेटे ऊमर अब्दुल्ला और PDP चीफ व जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं। और, केंद्र ने उनकी रिहाई से संबंधित न कोई तारीख बताई है, न ही कोई अन्य जानकारी दी है।
बता दें कि BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसी साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। मोदी सरकार के इस कदम के बाद जम्मू और कश्मीर दो केंद्र शासित क्षेत्रों में तब्दील हो गया, जिसमें जम्मू और कश्मीर के साथ लद्दाख है।
केंद्र ने अपने अहम फैसले से कुछ घंटों पहले ही कश्मीर के बड़े राजनेताओं को हिरासत में रखवा दिया था और अपने इस कदम को जरूरी करार दिया था। सरकार ने इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी, जिसे शुक्रवार को लगभग 145 दिन बाद बहाल किया गया।