अमृतसर: Pregnant lady HIV Positive एचआइवी के शिकार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में 16 हजार से अधिक संक्रमित मरीज हैं। वहीं गर्भवती महिलाएं भी इस वायरस की चपेट में आ रही हैं। जनवरी से जुलाई माह में अब तक 8 गर्भवती महिलाएं पाजिटिव पाई गई हैं। उनकी कोख में पल रहे शिशु को भी यह बीमारी होने की संभावना है। सरकारी मेडिकल कालेज स्थित एंटी रेटलो ट्रीटमेंट सेंटर में नन्हीं जान को इस रोग से बचाने व उन्हें जिंदगी देने के लिए दवाओं के साथ-साथ काउंसलिंग के जरिए उपचार किया जा रहा है।
Read More: तबाही का मंजर दे गया बाढ़, उजड़े घर संसार को देखकर छलका आंसू, राहत कार्य में जुटा प्रशासन
Pregnant lady HIV Positive इस तरह किया जाता है उपचार
वर्ष 2021 में जिले में 35 एचआइवी पाजिटिव मरीज मिले थे। इनमें 10 गर्भवती महिलाएं भी थीं। एंटी रेटलो ट्रीटमेंट सेंटर में इन महिलाओं को प्रिवेंशन आफ पेरेंट्स टू चाइल्ड ट्रांसमिशन कार्यक्रम के तहत आधुनिक मल्टी ड्रग एंटी रेट्रो वायरल थैरेपी दी जाती है। इसके तहत महिला को प्रतिदिन एक गोली का सेवन करना होता है। 9 माह तक इन महिलाओं की जांच की गई। इनकी कोख से नवजात का जन्म हुआ तो दो घंटे बाद नैब्रापिन की खुराक दी गई। यह दवा 45 दिन तक लगातार नवजात को दी जाती रही।
नैब्रापिन दवा का कोर्स पूरा होने के पश्चात शिशु के रक्त का नमूना लेकर एचआइवी-पीसीआर टेस्ट किया गया। इसके लिए ब्लाटिंग पेपर पर बच्चे का ड्राय ब्लड स्पाट सैंपल लिया गया। डीबीएस रिपोर्ट नेगेटिव मिली यानी ये बच्चे एचआइवी संक्रमित नहीं थे। इसके बाद नवजात को पुन: मेडिकल कालेज स्थित एंटी रैटलो ट्रीटमेंट सेंटर में लाया गया। उसका होल ब्लड सैंपल लिया गया। इस टेस्ट में सभी नवजात एचआइवी नेगेटिव पाए गए।
Read More: स्कूल, आश्रम और छात्रावासों में बच्चों के शिक्षा की हो समुचित व्यवस्था: मंत्री अमरजीत भगत
अब इस साल में अब तक 8 गर्भवती महिलाओं को एचआइवी की पुष्टि हुई है। इनमें से दो महिलाओं की डिलीवरी अक्टूबर-नवंबर में होगी। खास बात यह है कि डिलीवरी के लिए इन महिलाओं को विशेष आपरेशन थिएटर में ले जाया जाता है। बहरहाल, इनका उपचार जारी है। इन गर्भवतियों के संक्रमित होने का कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाना हैं। इनके पतियों के भी सैंपल लिए गए थे। सभी एचआइवी पाजिटिव मिले हैं।
विवाह से पहले वर-वधू का टेस्ट जरूर करवाएं: डा. मनदिंर
मेडिसिन स्पेशलिस्ट डा. मनिंदर सिंह का कहना है कि एचआइवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त केयर की जरूरत होती है। विवाह से पहले वर-वधू का एचआइवी टेस्ट जरूर करवाएं। असुरक्षित यौन संबंध, बिना जांच के रक्त का आदान-प्रदान आदि इस बीमारी को फैलाते हैं।
किस माह कितनी एचआइवी संक्रमित गर्भवतियां मिलीं
- जनवरी 2
- मार्च 3
- अप्रैल 1
- मई 1
- जून 1
+ There are no comments
Add yours