पीने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है। इस पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कार्रवाई करते हुए 2 डीएसपी और 4 एसएचओ के साथ 7 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने शराब कांड में मरने वालों के परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। पंजाब पुलिस ने शनिवार को 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने 17 और लोगों को गिरफ्तार किया।
पंजाब पुलिस के मुताबिक, के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सामने आए थे। इसके बाद लगातार मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक, नकली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौत तरणतारण में हुई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई है। बताया गया है कि जिले के सदर और शहर के इलाकों में अधिकतम मौतें हुई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई पीड़ितों के परिवार अपने बयान दर्ज करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मना लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अधिकांश परिवार आगे नहीं आ रहे थे और कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे। उनमें से कुछ का पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहा है।
नकली शराब से मौत की बात पर ज्यादातर परिवार का ना
इस बीच, गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने कहा कि कुछ परिवारों ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया है कि उनके परिजनों की मौत शराब पीने से हुई थी। डीसी ने कहा कि जो लोग मारे गए हैं, उनमें से कुछ लोग यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि उनकी मौत नकली शराब के कारण हुई। वे कह रहे हैं कि उनके परिवार के सदस्य की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
मौत के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात आए
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा था कि मौत के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सामने आए। अधिकारियों ने तरनतारन के अलावा, अमृतसर में 11 और गुरदासपुर के बटाला में बुधवार रात से 11 लोगों के मारे जाने की खबर दी थी। अमृतसर के एसएसपी (ग्रामीण) विक्रमजीत सिंह दुग्गल ने बताया कि तारसिक्का थाना के प्रभारी विक्रमजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
AAP ने मांगा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा
उधर, नकली शराब की घटना पर विपक्षी आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच से काम नहीं चलेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करती है। उधर, शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की ओर से न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
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