राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी उठी चुनावी तारीख बदलने की मांग, सामने आई ये वजह।

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राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में चुनावी तारीखों के बदलने की मांग उठने लगी है। आप आदमी पार्टी ने मतदान की तारीखों को बदलने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि 17 नवंबर को प्रदेश में मतदान होना है, जबकि 17 से 20 नवंबर तक छठ पर्व का आयोजन होगा।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश में 7 और 17 नवंबर को मतदान तिथि निर्धारित की गई है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव ने ज्ञापन सौंपकर चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि छठ पर्व और चुनाव आसपास होने से प्रदेश के मतदाता पशोपेश की स्थिति में हैं। चुनाव आयोग को चाहिए कि विधानसभा चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाई जाय।

उत्तम जायसवाल ने निर्वाचन आयोग से प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दरअसल, 17 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है। मतदान के दिन छठ महापर्व को देखते हुए प्रदेश की जनता दुविधा और परेशानी की स्थिति में हैं। चुनाव आयोग को चाहिए कि जनता की तिथि बढ़ाने की मांग पर संज्ञान लेते हुए। उन्हें इस समस्या से मुक्त करना चाहिए।

साथ ही कोमल हुपेंडी ने कहा कि राजस्थान में चुनाव आयोग शादियों और देव उठनी एकादशी की वजह से तारीख में बदलाव कर 23 नवंबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाकर 25 नवंबर हो सकती है। तब छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी मामला राजस्थान प्रदेश की तरह ही जनभावना से जुड़ा हुआ है। जिस पर तत्काल प्रभाव से निर्वाचन आयोग को सुनवाई करनी चाहिए।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिहार-झारखंड के लाखों परिवार रहते हैं। ऐसे में छठ पर्व के दौरान वो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भागीदारी नहीं कर पाएंगे। जिससे प्रदेश के मत-प्रतिशत में सीधा-सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरगुजा संभाग में धूमधाम से छठ त्यौहार मनाया जाता है। छठ महापर्व के कारण हजारों लोग मतदान देने से वंचित हो जाएंगे। इसलिए तीराख को आगे बढ़ाने को कहा जा रहा है। निर्वाचन आयोग को मामले की गंभीरता को समझते हुए चुनाव तिथि को बदल प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए।

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