Bachpan Song : बच्चों को बच्चे ही रहने दो… रियलिटी शोज और पैरेंट्स की सोच पर चोट देता है अभिनव का नया गाना

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गायक अभिनव शेखर (Abhinav Shekhar) ने अपना नया गाना रिलीज कर दिया है. इस गाने का टाइटल है- ‘बचपन’ (Bachpan Song). टाइटल पढ़कर ही आप समझ गए होंगे कि यह गाना बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इतना ही नहीं, अभिनव ने अपने गाने के जरिए रियलिटी शोज का पर्दाफाश भी किया है कि कैसे शोज के जरिए बच्चों का बचपन छीना जा रहा है. यह गाना पैरेंट्स को भी एक सीख देता है.

अभिनव का यह गाना इस मुद्दे को संबोधित करता है कि रियलिटी शो और सोशल मीडिया के जाल के नवीनतम शिकार बच्चे हैं, जिन्होंने कई समझदार वयस्कों को अपनी चपेट में ले लिया है. यह मंच अब पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपनी चकाचौंध में जकड़ता जा रहा. डांस शो हो, सिंगिंग प्रतियोगिता हो या सोशल मीडिया रील, उनमें प्रमुखता से बच्चे दिखाई देते हैं.

एक बदलाव लाने की कोशिश

अपने गीत और इसके संदेश के बारे में बात करते हुए, अभिनव ने कहा, ‘बचपन’ उस समाज के लिए एक आंख खोलने वाला है जहां बच्चे अपने तथाकथित आदर्शों के गलत प्रभाव से बहक रहे हैं. ‘रियल ओवर रील्स चुनें’ यह माता-पिता के साथ-साथ उस समाज के लिए भी है जहां अन्य रैपर और गीत निर्माता बिना किसी अर्थ के गाने बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं एक बेहतर दुनिया के लिए आवश्यक बदलाव दिखाने की कोशिश कर रहा हूं.”

वीडियो को अभिनव शेखर द्वारा निर्देशित, लिखित और कंपोज किया गया है और म्यूजिक वीडियो का निर्माण वर्षा कुकरेजा और बिलाइव म्यूजिक के लेबल के तहत किया गया है. ट्रैक महेश कुकरेजा द्वारा बनाया गया है और बीलाइव म्यूजिक, संजय कुकरेजा और रेमो डिसूजा द्वारा प्रस्तुत किया गया है. यह गाना अब बीलाइव म्यूजिक के यूट्यूब चैनल और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.

यहां देखें अभिनव का गाना ‘बचपन’

एक समय ऐसा था जब बच्चे अपनी उम्र के साथियों के साथ तरह तरह के खेल खेला करते थे. स्कूल से आने के बाद लंच करके सीधा अपने साथियों से मिलते और ऐसे खेल खेला करते थे, जो उनके मानसिक और शारीरिक विकास के अनुकूल होते थे. हालांकि, जबसे कोरोनावायरस आया है, तब से बच्चों का ध्यान खेल कूद के बजाय फोन और टीवी पर आकर टिक गया है. बच्चे फोन पर तरह तरह के वीडियो बनाकर उन्हें अपलोड करना सीख गए हैं. वहीं, रियलिटी शोज की बात करें तो, इसमें कोई बुराई नहीं कि बच्चों के टैलेंट को सामने लाया जाए, लेकिन बच्चों को पूरी टाइम उसी में झोंक देना, यह गलत है.

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