Bawe Wali Mata Temple : जम्मू के मशहूर बावे वाली माता मंदिर में भक्त अब शॉट्स पहनकर नहीं जा सकेंगे. मंदिर परिसर में भक्तों के लिए सर ढकना भी जरूरी किया गया है. बावे वाली माता मंदिर (Bawe Wali Mandir) कमेटी और बाजार एसोसिएशन की तरफ से यह फैसला किया गया है. मंदिर कमेटी के प्रधान ने कहा कि वह काफी समय से देख रहे थे कि लोग बिना सर ढके आ रहे थे. साथ-साथ कई भक्त छोटे कपड़े पहनकर भी यहां पहुंच रहे थे, जो बिल्कुल भी सही नहीं था. इसके चलते ही यह फैसला लिया गया है. आदेश के बाद अब जो भी लोग मंदिर में दर्शन करने आएंगे वह सर ढककर ही आएंगे. साथ ही छोटे कपड़े पहनकर आने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
Bawe Wali Mata Temple : मीडिया से बात करते भावे मार्केट के प्रधान अंकुश खजुरिया ने बताया कि मार्केट एसोसिएशन ने अपने साथियों के साथ मिलकर मंदिर कमेटी का सहयोग किया ताकि यहां पर जो भी भक्त आए उन्हें ऐसा न लगे कि वह पिकनिक मनाने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह सभी लोगों से अपील करते हैं कि मंदिर में सर ढककर ही आएं और छोटे कपड़े पहनकर न आएं. वहीं इस दौरान मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि वह मंदिर कमेटी और बाजार एसोसिएशन के मिले-जुले फैसले से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में सर ढक कर ही आना चाहिए और मंदिर में शॉर्ट कपड़े पहनकर नहीं आना चाहिए.
राधारानी मंदिर के लिए भी ड्रेस कोड
Bawe Wali Mata Temple : हाल ही में बरसाना के विश्व प्रसिद्ध राधारानी मंदिर ने दर्शन के लिए वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया था. मंदिर प्रशासन ने हाफ पैंट और मिनी स्कर्ट समेत अन्य आपत्तिजनक कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. राधारानी मंदिर के एक अधिकारी रासबिहारी गोस्वामी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंदिर के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह ड्रेस एक हफ्ते के भीतर लागू कर दिया जाएगा.
Bawe Wali Mata Temple :
Bawe Wali Mata Temple : अधिकारियों ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के नाइट सूट और कटी जींस पहनकर आने पर भी रोक लगा दी है. कुछ महीने पहले, वृंदावन के राधा दामोदर मंदिर के अधिकारियों ने भी ऐसे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति न देने की घोषणा की थी. वहीं, 21 जून को बदायूं जिले के बिरुआबाड़ी मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया था. इसके तहत जींस, टीशर्ट, नाइट सूट, कटी जींस सहित अन्य आपत्तिजनक पहनकर पहनकर आने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया गया था.