कांकेरः जिले के एक स्कूल में एक छात्र की चोटी को लेकर हंगामा हो गया है। दरअसल स्कूल प्रशासन ने छात्र को चोटी काटने को कहा लेकिन छात्र ने चोटी को संस्कृति का प्रतीक बताते हुए इसे काटने से इंकार कर दिया। इस पर स्कूल प्रशासन ने छात्र के विद्यालय आने पर रोक लगा दी है।
परिजनों का कहना है चोटी रखने के चलते बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया था। मामले की जानकरी होने के बाद बीजेपी युवा मोर्चा और परिजनों ने स्कूल में जमकर नारेबाजी करते हुए जय श्री राम के नारे लगाए और प्रिंसिपल के कैबिन में भगवा झंडा लगा दिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
यह है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक में स्थित सेंट जोसेफ स्कूल का है। स्कूल में हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाले एक छात्र अंश तिवारी को स्कूल के प्रिंसिपल ने चोटी काटकर स्कूल आने को कहा था। हालांकि अंश ने चोटी को संस्कृति का प्रतीक बताते हुए इसे काटने से इंकार कर दिया। इससे नाराज होकर स्कूल प्रबंधन ने छात्र को स्कूल में आने पर रोक लगा दी।
बताया जा रहा है कि इससे परेशान होकर छात्र अंश तिवारी ने इसकी शिकायत भारतीय जनता युवा मोर्चा को अध्यक्ष राजा पांडे से कर दी। इस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के लोग स्कूल पहुंच गए और उन्होंने वहां हंगामा कर दिया।हंगामा इतना बढ़ा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल के कक्ष में भी केसरिया झंडा लगा दिया। वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो इसकी जानकारी एसडीएम को लगी। एसडीएम जितेंद्र यादव ने कहा है कि दोनों पक्षों में सुलह हो गई है और अब अगर आगे स्कूल प्रबंधन द्वारा ऐसी कोई गतिविधि की जाती है तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल का विवादों से रहा है पुराना नाता
आपको बता दें कि कांकेर के भानुप्रतापपुर का सेंट जोसेफ स्कूल का विवादों से पुराना नाता रहा है। इसका संचालन ईसाई मिशनरीज द्वारा किया जाता है। साल 2019 में इस स्कूल के तत्कालीन प्रिंसिपल ने स्कूल में भारत माता की जय और वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी थी। उस वक्त भी परिजनों ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी और प्रशासन के समझाने पर स्कूल प्रबंधन ने अपना आदेश वापस ले लिया था।