सूरत: BJP Mukesh Dalal wins Before Pollsलोकसभा चुनाव 2024 के लिए मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा की बड़ी जीत की खबर सामने आई है। जी हां सूरत सीट से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत हो गई है। पिछले 10 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब किसी प्रत्याशी की निर्विरोध जीत हुई है। तो चलिए जानते हैं कैसे मतदान से पहले मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए।
BJP Mukesh Dalal wins Before Polls दरअसल यहां से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी अपने प्रस्तावक नहीं खड़े कर पाए, जिसके बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन निरस्त होने के बाद अन्य सभी प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया। अब चुनावी मैदान में भाजपा के अलावा कोई भी उम्मीदवार नहीं होने से बीजेपी की निर्विरोध जीत तय हो गई है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी का खाता भी खुल गया है।
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BJP Mukesh Dalal wins Before Polls वहीं कांग्रेस ने नामांकन खारिज का आरोप सरकार पर मढ़ दिया है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं। कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है, चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर टेली किए बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है, प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सही हैं या गलत उसकी जांच के बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है।
BJP Mukesh Dalal wins Before Polls कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने कल एफिडेविट कर कहा था कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब हो गए।
BJP Mukesh Dalal wins Before Polls
BJP Mukesh Dalal wins Before Polls चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक उनके बहनोई जगदीश सावलिया, उनके भांजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के निवेदन का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था। प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी को एक दिन का वक्त दिया था। कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ चुनाव अधिकारी को जवाब देने पहुंचे थे, लेकिन तीन में से एक भी प्रस्तावक मौजूद नहीं रहे। बता दें कि, देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई 5 बार गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है।