देवरिया: Bride Groom Dies Before Tie Knot अपनी मंगेतर के साथ घर लौट रहे 25 साल के अच्छेलाल को नहीं पता था कि बीती रात उसकी अंतिम रात होगी। उसकी मंगेतर भी इस बात से अंजान थी कि जिसके साथ वह अपनी जिंदगी का सफर पूरा करने का सपना संजोकर उसके परिवार से मिलने जा रही है, वह कल का सूरज भी नहीं देख पाएगी। दरअसल, कुशीनगर के गांव ढाढा के पास हाइवे पर गुरुवार रात एक सड़क हादसा हो गया, जिसमें बाइक सवार प्रेमी युगल की मौत हो गई।
Bride Groom Dies Before Tie Knot जानकारी के मुताबिक, बघौचघाट थाना क्षेत्र के सेमरी गांव के रहने वाले सत्यनारायण का 25 वर्षीय पुत्र अच्छे लाल गोरखपुर से अपने घर आ रहा था। साथ में उसकी मंगेतर भी थी, जो उसके साथ ही काम करती थी, दोनों जल्द ही शादी करने वाले थे, इसलिए अच्छेलाल उसे अपने परिवार से मिलाने के लिए ला रहा था।
Bride Groom Dies Before Tie Knot तेज रफ्तार वाहन ने मारी थी टक्कर
Bride Groom Dies Before Tie Knot कुशीनगर के हाटा कोतवाली के गांव ढाढा के समीप हाईवे पर तेज रफ्तार वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद अच्छेलाल के घर सेमरी में कोहराम मच गया है। परिजनों के करुण चीत्कार से मौजूद लोगों में भी संवेदना का संचार हो उठा।
दो बहनों की होनी है शादी
Bride Groom Dies Before Tie Knot मृतक अच्छेलाल 6 बहनों में अकेला भाई था। इस हृदय विदारक घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। चार बहनों की शादी हो चुकी है। अच्छेलाल से छोटी दो बहनों की शादी नहीं हुई है। इनमें से एक बहन दिव्यांग भी है।
परिवार का इकलौता चिराग था अच्छेलाल
Bride Groom Dies Before Tie Knot अच्छेलाल अपने परिवार का इकलौता चिराग था। पिता सत्यनारायण खेतीबाड़ी कर परिवार का खर्च उठाते हुए बेटियों की शादी की और बेटे अच्छेलाल को गोरखपुर में रख कर पढ़ाया। पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छेलाल गोरखपुर में ही एक पैथालोजी में काम करता था। उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली तो परिवार में कोहराम मच गया।
बुढ़ापे का सहारा छिना
Bride Groom Dies Before Tie Knot पिता सत्यनरायन पाल को उमीद थी कि उसका बेटा अच्छेलाल उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा। पर उसे यह नहीं पता था कि होनी को कुछ और ही मंजूर था, बुढ़ापे के सहारे को ही उसे कंधा देना पड़ेगा। देर शाम अच्छेलाल का शव गांव पहुंचा। उसका दाह संस्कार गांव के ही खनुवा नाले पर किया गया। मुखाग्नि पिता सत्यनारायण ने दी। माता जानकी देवी बेसुध पड़ी रही। गांव समेत पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।