उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे माघ मेले के समापन में सिर्फ तीन सप्ताह बाकी रह गए हैं, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विरोधी प्रचार का मुकाबला करने के लिए अपने अभियान को तेज कर दिया है। 800 से अधिक स्वयंसेवकों ने मेला आने वाले लोगों, संतों, और भक्तों के बीच सीएए के समर्थन वाले अभियान से खुद को जोड़ा है, ताकि उन्हें कानून के लाभों के बारे में बताया जा सके।
आरएसएस के स्वयंसेवक संगम, कल्पवासी शिविरों, प्रमुख संतों के शिविरों और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं। मेला टाउनशिप में अब तक एक लाख से अधिक पर्चे वितरित किए गए हैं और आने वाले दिनों में भी समान संख्या में वितरित किए जाएंगे। आरएसएस प्रचारक किशन चंद्र ने कहा, ‘लगभग 800 सक्रिय स्वयंसेवक समर्थक सीएए अभियान पर काम कर रहे हैं, विशेषकर स्नान के दिनों में जब भीड़ बढ़ती है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने पूरे मेला परिसर को छह क्षेत्रों में विभाजित किया है और कुल 110 समूह लोगों से जुड़ने के लिए लगे हुए हैं। अभियान का उद्देश्य सीएए पर गलतफहमी को दूर करना है।’
स्वयंसेवकों के 110 ग्रुप बने
आरएसएस कार्यकर्त्ता ने आगे कहा कि अभियान में 300 ‘बस्ती’ (10,000 की आबादी पर बस्ती के रूप) के स्वयंसेवकों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों के कुल 110 समूहों ने खुद को एक लाख से अधिक लोगों के साथ जोड़ा है और उन्हें सीएए के महत्व के बारे में जानकारी दी। पर्चा सीएए की आवश्यकता की व्याख्या करते हुए दावा करता है कि सीमाओं के दूसरी तरफ हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी, विभाजन के बाद लगातार अत्याचार का सामना कर रहे हैं और पिछले सात दशकों से भाग कर भारत आ रहे हैं।
पर्चों पर महात्मा गांधी की तस्वीर
महात्मा गांधी की तस्वीर रखने वाले आरएसएस के ये पर्चे उनके विचारों का हवाला देते हैं कि पाकिस्तान में रहने वाले हर हिंदू और सिख भारत में आ सकते हैं यदि वे पाकिस्तान में रहना नहीं चाहते हैं और यह भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें एक सामान्य जीवन जीने का हक प्रदान करे।
+ There are no comments
Add yours