यह वही प्रदर्शन है, जिसमें पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म पढ़ी गई थी और फिर विवाद की शुरुआत हुई थी। आईआईटी प्रफेसर वाशी शर्मा ने शांति मार्च का वायरल विडियो आईआईटी प्रशासन को भेजकर प्रदर्शन और फैज की नज्म गाए जाने की जांच की मांग की थी। इस प्रदर्शन में बीटेक, एमटेक और पीएचडी के करीब 300 छात्र शामिल हुए थे। प्रदर्शन की इजाजत प्रबंधन से नहीं ली गई थी, जबकि आईआईटी प्रशासन ने परिसर में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा रखी थी।
पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म पढ़ने पर हुआ बवाल
छात्रों ने पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म भी पढ़ी थी। जांच के लिए सीसीटीवी और मोबाइल कैमरों की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किया गया। इस संबंध में जब डेप्युटी डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल से पूछा गया तो उन्होंने इसे गोपनीय विषय बताते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया, विडियो में छात्रों को उकसाते दिखे हैं प्रफेसर
के सूत्रों का कहना है कि इसी विडियो की जांच में ऐसे द्दश्य भी हैं, जिनमें संस्थान के पांच प्रफेसर छात्रों को उकसाने वाले इशारे करते दिख रहे हैं। इनसे छात्र उग्र हो रहे थे। इसके बाद आईआईटी के सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को समझा-बुझाकर उन्हें शांत किया था। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, ‘मुझे अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। कुछ और लोगों से पूछताछ की जा रही है। सारे पहलुओं पर जांच के बाद ही रिपोर्ट जारी की जाएगी।’