देश भर में कोरोना वायरस () की वजह से लॉकडाउन () की स्थिति है। सरकार तमाम कोशिशें कर रही है, जिससे कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सके। अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हो रहा है तो ऐसे में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि कुछ दुकानों को खोला जा सकें। साथ ही कुछ कामकाज और प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकें। इसी क्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने कोरोना पर सरकार और सेना की तैयारियों के बारे में कुछ बातें बताई हैं। आइए जानते हैं वह क्या बता रहे हैं।
क्या बोले बिपिन रावत
जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सुरक्षा बल होने के नाते कोविड-19 के खिलाफ वह अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं। वह बोले- ‘हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हम सुरक्षित रहें, क्योंकि अगर सेना के जवान ही वायरस से संक्रमित हो गए तो हम लोगों को मदद कैसे दे पाएंगे। कोविड-19 का संक्रमण तीनों ही सेवाओं में फैला है, लेकिन बहुत ही सीमित संख्या में। मैं कहूंगा कि ये हमारा अनुशासन और धैर्य ही है, जिसने कोरोना वायरस को रोकने में मदद की है।’
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए वह बोले- ‘इस समय कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और कोविड-19 संक्रमण से बचे रहने के लिए हमें उनका पालन करना जरूरी है। मुझे आपको ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमारे सभी लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया हुआ है और अगर कोई भी संक्रमित होता है तो हम उसका तुरंत इलाज कर सकते हैं। हम ये सुनिश्चित कर सकेंगे कि कोरोना वायरस और ना फैले।’
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हथियारों पर भी कही अपनी बात
विदेशों से हथियार मंगाने पर बिपिन रावत ने कहा- ‘हम अभी तक विदेशों से हथियार खरीदते आ रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर हम ये चुनौती अपनी ही इंडस्ट्री को दें तो यहां भी हथियारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो सकती है। वैज्ञानिक और अन्य मेडिकल रिसर्च में लगी एजेंसियां देश में ही मेडिकल उपकरण बनाने का आइडिया लाई हैं, जिन्हें हम कोविड-19 से बचाव के लिए विदेशों से मंगवाते रहे हैं।’
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बजट पर क्या बोले बिपिन?
बिपिन रावत ने कहा- ‘हमें जो भी बजट मिला है, उसे ध्यान से फालतू खर्चे हटाते हुए इस्तेमाल करना है। हमें अपनी तीनों ही सेवाओं में तैयारियों में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं दिख रही है। हम कोई भी ऑपरेशनल टास्क पूरा करने के लिए तैयार हैं, जो भी हमें कहा जाएगा। कोविड-19 ने हमें सिखाया है कि अब आत्म निर्भर होने का वक्त आ चुका है। हमें दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना होगा, ना कि खुद ही दूसरों की मदद पर निर्भर रहना होगा।’
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