रायपुर: Online tenant Verification छत्तीसगढ़ में किरायेदार के पुलिस वैरिफिकेशन की प्रकिया आसान होगी। घर बैठे अब मकान मालिक अपने किराएदार की जानकारी संबंधित थाने तक पहुंचा पाएंगे। प्रदेश की सरकार ने वेरिफिकेशन प्रकिया आसान बनाने के लिए एक ऐप्लिकेशन तैयार किया है। इस ऐप के जरिए किरायेदार ही नही बल्कि नौकर, ड्राइवर सहित दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों की पूरी जानकारी बगैर थाने जाए ऑनलाइन दे सकेंगे। ऐप की पायलट टेस्टिंग चल रही है। फिलहाल इसे लॉन्च होने में अभी वक्त है।
Online tenant Verification गृहमंत्री ने ली जानकारी
Online tenant Verification ऐप को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने सॉफ्टवेयर में मौजूद डेटा में से एक मोबाइल नंबर डायल कर एक मकान मालिक की ओर से दी गई जानकारी और ऐप्लिकेशन के बारे में बातचीत की। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया ‘X’ पर पोस्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐप में केवल एक सुविधा नहीं बल्कि अनेकों सुविधाएं होंगी। जन सामान्य के लिए समर्पित इस ऐप की पायलट टेस्टिंग के लिए एक जिले में ट्रायल किया गया है।
लोग नहीं कराते थाने जाकर वैरिफिकेशन
Online tenant Verification ऐसा देखा गया है कि बहुत से मकान मालिक मकान किराये पर तो दे देते हैं, लेकिन उनकी जानकारी पुलिस को नहीं देते। मकान मालिक के पास भी खुद किरायेदार की पूरी जानकारी नहीं होती है। सिर्फ उनका नाम और पता जानते हैं। इसी का फायदा अपराधी तत्व उठाते हैं। बाहर से आकर शहर में छिपकर रहते हैं। उसके बाद यहां भी अपराध करते हैं।
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ऐप से होगा फायदा
Online tenant Verification पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन की प्रकिया निशुल्क होती है। इसके बाद भी लोग थाने आकर किरायेदार का वैरिफिकेशन कराने में देरी करते है। ऐप्लीकेशन बनने से लोगो को आसानी होगी और इससे आपराधिक तत्वों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
दो साल पहले मकान मालिक-किरायेदार के लिए बनाए गए थे नए नियम
Online tenant Verification छत्तीसगढ़ में किराएदार और मकान मालिकों को लेकर राज्य सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए नियम लागू किए थे। इसके तहत छोटे शहरों, गांवों के मकान मालिक और किरायेदारों को अपने विवाद निपटाने के लिए नगर निगम तक नहीं जाना होगा। वे नगर पालिका या नगर पंचायतों में जाकर विवाद निपटा सकेंगे। डिप्टी कलेक्टर को भाड़ा नियंत्रक अधिकारी और पीठासीन अधिकारी के रूप में विवादों का निपटारा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। तब सामने आया था कि रायपुर में ही करीब 3 लाख मकानों में किरायेदार रह रहे हैं और पूरे प्रदेश में इनकी संख्या करीब 10 लाख है।
Online tenant Verification मकान मालिक और किरायेदारों के बीच विवाद के मुख्य बिंदू
- Online tenant Verification मकान मालिक द्वारा एग्रीमेंट का उल्लंघन
- किरायेदार द्वारा एग्रीमेंट का उल्लंघन
- किरायेदार का मकान खाली नहीं करना
- मकान मालिक द्वारा बिजली काट देने की शिकायत पर
- मकान मालिक द्वारा बिजली का एक्टेंशन नहीं देने पर
- मकान मालिक द्वारा पानी की सप्लाई रोक देने पर
- किरायेदार के किराया नहीं देने पर
Online tenant Verification 3 स्तर पर विवादों का निराकरण
- Online tenant Verification निकायों में सुनवाई
- ट्रिब्यूनल में सुनवाई
- हाईकोर्ट में सुनवाई
Online tenant Verification ऐसे होगा विवाद का निपटारा
- Online tenant Verification मकान मालिक और किरायेदार के बीच एग्रीमेंट नहीं है, तो पहले 6 माह का नोटिस मकान खाली कराने के लिए दिया जाता है। ऐसे में किराएदार का बेजा कब्जा माना जाता है।
- एग्रीमेंट है तो भाड़ा नियंत्रक अधिकारी देखते हैं कि दोनों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।
- रेंट एग्रीमेंट नहीं होने पर किराएदार लंबे समय से कब्जे का दावा करता है, तो फिर मामला सिविल में चला जाता है।
- मकान मालिक और किराएदार के विवाद की स्थिति में 3 स्तर पर सुनवाई होती है। इसके बीच और कोई कोर्ट नहीं है।
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ये वीडियो पूरा देखियेगा ।
छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है कि एक ऐप के माध्यम से मकान मालिक सारे किराएदारों की सूचना सरकार के साथ साझा करे और पुलिस थाने जाकर काग़ज़ी ख़ानापूर्ति से बचे ।
सिर्फ़ किरायेदार ही नही, और भी सुविधाएँ होंगी इस ऐप में । जन सामान्य के लिए समर्पित इस ऐप… pic.twitter.com/fR8YnCfaHN
— Ujjwal Deepak (मोदी का परिवार) (@ujjwaldeepak) May 9, 2024