CG Vidhansabha Chunav 2023 छत्तीसगढ़ में सत्तासीन कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन में बड़ा फेर बदल कर सकती है। आंतरिक सर्वे के मुताबिक तकरीबन एक चौथाई विधायकों का टिकट कट सकता है। पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर (Anti Incumbency) से बचने के लिए आंतरिक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की है। कांग्रेस सूबे में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
CG Vidhansabha Chunav 2023 पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक मौजूदा विधायकों को हटाने का निर्णय पिछले पांच महीनों में पार्टी द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों पर आधारित है। टिकट देने के लिए ‘जीतने की क्षमता’ को सबसे महत्वपूर्ण मानदंड माना गया है। सूबे में विधानसभा चुनावों को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में पार्टी उन नेताओं को टिकट नहीं देने का प्लान किया गया है जिनकी अपने क्षेत्र में सियासी पकड़ कमजोर हुई है।
सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की सूची को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद सूचियां जारी की जाएंगी। “इस बार कई मौजूदा विधायकों को हटा दिया जाएगा। पार्टी जीतने की क्षमता और जातिगत गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पहले, खेमे कुछ टिकट तय करते थे लेकिन इस बार केवल ‘जीतने की क्षमता’ ही मानदंड है,” एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सूची अगले एक सप्ताह में आ जाएगी।
छत्तीसगढ़ के एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि इनमें से अधिकतर मौजूदा विधायक पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने कहा,“2018 के चुनावों में पहली बार विधायक बने कई लोग नौकरियों और सोशल सर्विस से आए और कांग्रेस लहर में स्वच्छ छवि के कारण जीते। उनमें से अधिकांश अनुभव की कमी के कारण निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में काम करने में विफल रहे। इसके अलावा, उनके दबंग रवैये और संगठन की समझ की कमी ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के चलते पार्टी के अंदर गुटबाजी हुई। इस वजह से वे अभी जीतने योग्य नहीं दिख रहे हैं।”
महिलाओं की बढ़ सकती है संख्या
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पार्टी इस बार महिलाओं को टिकट देने की संख्या बढ़ा सकती है। पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर एक अन्य सीनियर नेता ने कहा,”2018 के चुनावों में, हमने विधानसभा के लिए 12 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है और बाद में खैरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में एक और महिला को टिकट दिया गया था। इसलिए कुल 13 महिलाओं को टिकट दिया गया, लेकिन चुनाव में यह संख्या 18 से 20 के बीच हो सकती है।” हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि महिलाओं के लिए टिकट बढ़ें लेकिन यह पूरी तरह से जीत की संभावना पर है।
हर समुदाय को मिलेगा मौका
एक अन्य नेता ने बताया कि चुनाव में मुख्य फोकस जीतने की क्षमता और लोकल मुद्दे और स्थानीय जातियों और लोगों को भी मौका मिलने पर है। इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है कि प्रत्येक समुदाय को प्रतिनिधित्व मिल सके और क्षेत्रीय राजनीति अन्य कारक हैं जिन पर भी विचार किया जाता है। पार्टी के प्रति वफादारी भी टिकट मिलने के लिए बड़ा फैक्टर है।
गौरतलब हो, 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटें जीतकर रमन सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा को हराया। बीजेपी सिर्फ 15 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में वापसी की उम्मीद कर रही भाजपा ने 17 अगस्त को 21 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। पहली सूची में 16 नए चेहरे, पांच पूर्व विधायक और पांच महिलाएं शामिल थीं। पार्टी ने 2018 में इन सीटों से चुनाव लड़ने वाले एक भी उम्मीदवार को इस बार टिकट नहीं दिया है।