Chhattisgarh Election 2023 : चुनावी ड्यूटी से बचने लगा रहे नेताओं के एप्रोच, कर्मचारियों ने निकाली तरकीब, अब तक 500 से ज्यादा आवेदन

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दुर्ग Chhattisgarh Election 2023 : विधानसभा चुनाव में ड्यूटी से बचने जिले के अधिकारी और कर्मचारी अजब तरीके अपना रहे हैं। इसके लिए कई कर्मचारी खुद को राजनीतिक दलों के आनुशांगिक संगठनों के संबद्ध बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। हालत यह है कि कई अधिकारी व कर्मचारी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और मंत्री-विधायकों की अनुशंसा लेकर भी पहुंच रहे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी तय कर कर दी गई है, लेकिन कई अधिकारियों व कर्मचारियों को चुनाव में ड्यूटी रास नहीं आ रहा है।

Chhattisgarh Election 2023 :

Chhattisgarh Election 2023 : इस कारण हर दिन चुनाव ड्यूटी से अलग रखने संबंधी आवेदन लेकर कर्मचारी कार्यालय पहुंच रहे रहे हैं। इस संबंध में अधिकारियों व कर्मचारियों से जिला पंचायत में बनाए गए कक्ष में आवेदन लिया जा रहा है। निर्वाचन कार्य से जुड़े अफसरों के मुताबिक अब तक ड्यूटी से अलग करने से संबंधित 5०0 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं। ड्यूटी से अलग रखने के संबंध में अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।

बीमारी बताकर जमा कर रहे रिपोर्ट

Chhattisgarh Election 2023 :  स्वास्थ्यगत कारणों पर कर्मचारियों पर ड्यूटी से पृथक करने का भी प्रावधान है। लिहाजा अधिकतर आवेदनों में स्वास्थ्य से संबंधी कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीमारी बताने वाले कर्मचारी आवेदन के साथ मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करा रहे हैं। इसके अलावा वृद्ध व बीमार माता-पिता और बच्चों के देखभाल जैसे कारणों वाले आवेदन भी आ रहे हैं।
चुनावी ड्यूटी से बचने लगा रहे नेताओं के एप्रोच, कर्मचारियों ने निकाली तरकीब, अब तक 500 से ज्यादा आवेदन

कर्मचारी नेताओं पर अधिकारी भी संशय में

Chhattisgarh Election 2023 :  खुद को राजनीतिक दल से आनुशांगिक संगठन संबद्ध बताकर ड्यूटी से पृथक करने संबंधी आवेदनों और कर्मचारियों को लेकर निर्वाचन कार्य में लगे आला अधिकारी भी संशय में हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश व आदर्श आचार संहिता के मुताबिक मतदान या मतदाताओं को प्रभावित करने जैसी कोई भी स्थिति निर्मित नहीं होने दिया जाना है। ऐसे कर्मचारियों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन जैसी स्थिति भी बन सकती है। ऐसे आवेदनों में अधिकतर शिक्षक संगठनों के बताए जा रहे हैं।

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