Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर शंखनाद हो चुका है। चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रदेश में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। 7 नवंबर को पहला चरण और 17 नवंबर को दूसरे चरण में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं 3 दिसंबर को मतगणना होगी। ऐसे में प्रदेश के दो महत्वपूर्ण संभागों यानी सरगुजा और बस्तर में पूरे प्रदेश की निगाहें रहेगी। क्योंकि सरगुजा और बस्तर संभाग से छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी खुलती है। इन्हीं दो संभागों से प्रदेश में सरकार बनाने का रास्ता तय होता है। यही से मुख्यमंत्री का ताज सजता है।
Chhattisgarh Election 2023 इसलिए माना जाता है कि अगर छत्तीसगढ़ में सरकार बनानी है, तो बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग के किलों पर फतह हासिल करना बहुत जरूरी है। इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहेगी। इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती रहेगी। वहीं बीजेपी एक बार फिर राज्य की सत्ता में आने की पूरजोर कोशिश करेगी। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए 85 उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है। केवल 5 सीटों की घोषणा होनी बाकी है।
Chhattisgarh Election 2023
सरगुजा संभाग का राजनीतिक समीकरण; कांग्रेस का मजबूत किला है सरगुजा! 3 चुनाव में बीजेपी का नहीं खुला खाता
सरगुजा संभाग की 14 की 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
जानें 14 सीटों का समीकरण
2018 में भाजपा को 7 सीटों पर मिली हार
सरगुजा संभाग में 6 जिले
सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीटें
- अंबिकापुर
- लुंड्रा
- प्रतापपुर
- सीतापुर
- सामरी
- रामानुजगंज
- प्रेम नगर
- भटगांव
- बैकुंठपुर
- भरतपुर-सोनहत
- मनेंद्रगढ़
- जशपुर
- कुनकुरी
- पत्थलगांव
सरगुजा संभाग में बीजेपी-कांग्रेस को अब तक मिली सीटें
- वर्ष भाजपा कांग्रेस
- 2003 10 04
- 2008 09 05
- 2013 07 07
- 2018 0 14
छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों का गणित
Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं, इसमें से 39 सीटें आरक्षित है, 29 अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 10 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। 51 सीट सामान्य है। प्रदेश की कुल आबादी में 32 फीसदी आदिवासी वर्ग यानी की अनुसूचित जनजाति से है। 13 फीसदी आबादी एससी यानी की अनुसूचित जाति वर्ग से आती है और सबसे बड़ा जनाधार जो की 47 फीसदी है वह ओबीसी वर्ग से है।
Chhattisgarh Election 2023 बस्तर संभाग का राजनीतिक समीकरण
Chhattisgarh Election 2023 अब बात बस्तर संभाग के सियासी गणित की करें तो आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में कुल 7 जिले हैं। 7 जिलों के संभाग में यहां छत्तीसगढ़ की 12 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट है। बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में 11 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और एक सीट सामान्य है। इनमें बस्तर, कांकेर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर की सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। वहीं जगदलपुर विधानसभा सीट सामान्य है। 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहीं से करारी हार का सामना करना पड़ा था और सत्ता गंवानी पड़ी थी। राजनीतिक दृष्टिकोण से बस्तर संभाग काफी अहम माना जाता है। कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर से खुलती है। इसलिए माना जाता है कि अगर छत्तीसगढ़ में सरकार बनानी है, तो बस्तर किला पर फतह हासिल करना बहुत जरूरी है। प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से 29 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं और 29 में से 12 सीटें बस्तर संभाग से आती हैं। 15 साल तक सत्ता पर काबिज रही बीजेपी को साल 2018 में यही से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था, इसलिए बीजेपी में सत्ता पाने की बैचेनी है। बस्तर में बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओपी माथुर समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता दौरा कर चुके हैं और कर रहे हैं। बस्तर में पीएम मोदी, प्रियंका गांधी और सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान बस्तर का चुनावी दौरा कर चुके हैं।
बस्तर संभाग में 7 जिले
- बस्तर
- कांकेर
- दंतेवाड़ा
- बीजापुर
- नारायणपुर
- सुकमा
- कोंडागांव
बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें
- बस्तर
- जगदलपुर
- कांकेर
- चित्रकोट
- दंतेवाड़ा
- बीजापुर
- कोंटा
- केशकाल
- कोंडागांव
- नारायणपुर
- अंतागढ़
- भानुप्रतापपुर
- 11 सीटें एसटी के लिए आरक्षित
- केवल 1 सीट जगदलपुर सामान्य
- वर्तमान में 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
- प्रदेश में 29 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित, इनमें 12 सीटें बस्तर संभाग से हैं
बस्तर संभाग में बीजेपी-कांग्रेस को अब तक मिली सीटें
वर्ष भाजपा कांग्रेस
- 2018 00 12
- 2013 04 08
- 2008 11 01
- 2003 08 04