रायपुर। मजदूर दिवस के मौके पर सीएम भूपेश श्रम विभाग द्वारा आयोजित श्रम सम्मलेन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में बोरे-बासी भोज का भी आयोजन किया गया। जिसमे सीएम भूपेश ने श्रमिकों के साथ बोरे-बासी का लुफ़्त उठाया। इस दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, विधायकगण सहित श्रम विभाग के विभिन्न पदाधिकारियों ने भी स्वादिष्ट बोरे-बासी का आनंद लिया।
शंकर नगर स्थित बीटीआई ग्राउंड में आयोजित प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिकों के साथ बोरे बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया। इस दौरान सीएम ने कहा, मजदूर दिवस बहुत खास हो गया है। मैने बोरे बासी खाने के लिए आह्वान किया था। आह्वान के बाद लोगों ने इसके बारे में जानकारी जुटाई।छत्तीसगढ़ी व्यंजन बोरे बासी को आज देश विदेश में लोग खा रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ी व्यंजन की प्रसिद्धि से बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं।
बता दें कि बोरे बासी रात में पके हुए चावल को रातभर पानी में भिगोकर अगले दिन भाजी, टमाटर चटनी,मिर्ची की चटनी, प्याज, बरी-बिजौरी एवं आम-नींबू के आचार के साथ मजे से खाया जाता है। इसके अनेक फायदे होते हैं। बोरे बासी स्वास्थ्यगत दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है, इसमें विटामिन बी-12 की प्रचूर मात्रा के साथ-साथ ब्लड और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करता है।
बोरे बासी में आयरन, पोटेसियम, कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है। इसे खाने में पाचन क्रिया सही रहता है एवं शरीर में ठंडकता रहती है। छत्तीसगढ़ के किसान मजदूरों के साथ-साथ सभी वर्गों के लोग चाव के साथ बोरे बासी का सेवन करते आ रहे हैं। आधुनिकता और भाग-दौड़ भरी जिंदगी तथा जागरुकता के अभाव में इसके खानपान में जरूर कमी आई है, लेकिन छत्तीसगढ़ी खानपान का प्रचार-प्रसार इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए बेहतर उपाय होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ी संस्कृति और लोक परंपराओं, तीज-त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए शाससकीय अवकाश घोषित किया है। वहीं तीज-त्योहार को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन भी किए जा रहे हैं।
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