CM Vishnudeo Sai : मैं अपने गाँव की सरपंच थीं। मैं और मेरे पति गाँव को सुधारने में सक्रिय थे। हम दोनों को विकास कार्य के लिए धमकियों का सामना करना पड़ता था। विकास कार्यों को रोकने के लिए हम पर दबाव बनाया जाता था। हमारी स्कूल और आंगनबाड़ी को बंद करने को कहा गया। मुझे इस बात की बहुत पीड़ा थी। मैंने नक्सलियों का विरोध करने का निर्णय लिया। अपने समाज की समस्याओं को अंतरमन से समझकर मुझे स्वयं को सशक्त बनाने की जरूरत महसूस हुई और मैं फाइटर बन गई। आज मैं अपने पति से भी ज्यादा शक्तिशाली महसूस करती हूं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से बात करते हुए बस्तर फाइटर नारायणपुर की पोकेश्वरी सलाम ने अपने जीवन की आपबीती मुख्यमंत्री को बतायी।
CM Vishnudeo Sai : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा के जावंगा एजुकेशन सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में दंतेश्वरी फाइटर्स, बस्तर फाइटर्स के महिला जवानों से संवाद किया। इस दौरान महिला जवानो ने मुख्यमंत्री से अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए।
CM Vishnudeo Sai : मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पोकेश्वरी आपके साहस को सलाम करता हूँ मैं भी पंच पद से राजनीति जीवन शुरू किया था आज जनता के आशीर्वाद से सरपंच, विधायक, सांसद, केंद्र में मंत्री पद के साथ अब प्रदेश का मुख्यमंत्री बना।
शीतल ने बताया कि मेरा गांव भी नक्सल आतंकवाद से पीड़ित था। नक्सलवादियों की गतिविधियों का खामियाजा मेरे परिवार को भी भुगतना पड़ा। दादा के भाई को सलवा जुडूम का समर्थन करने के कारण मार दिया गया और मेरे पिता की बहन को नक्सली अपने दल में शामिल करने के लिए उस पर लगातार दबाव डालते रहे। चाचा लगातार तनाव के कारण विक्षिप्त हो गए। मैंने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल की क्योंकि मुझे शिक्षा की शक्ति पर विश्वास था, लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि मैं अब भी अपने गांव लौटने में असमर्थ हूं।
CM Vishnudeo Sai :
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शीतल जी, मुझे यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि आपको और आपके परिवार को आतंकवाद के कारण इतने कष्ट उठाने पड़े। आपने लेकिन एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है जो मेरे हृदय के बहुत करीब है। शिक्षा और वो भी महिलाओं की शिक्षा का। आपकी तरह मुझे भी शिक्षा की शक्ति पर विश्वास है। और मेरा मानना है कि यदि एक पुरुष शिक्षित है. तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित है, परंतु यदि एक महिला शिक्षित है तो पूरा घर शिक्षित होता है। ये महिलाओं की शिक्षा की शक्ति है। हमारी सरकार महिलाओं की शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। में यह आशा करता हूं कि आपकी कहानी सुनकर न सिर्फ इस क्षेत्र की बल्कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की महिलाओं को शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। सिलगेर,टेकलगुड़ेम पूवर्ती के बच्चों को राजधानी रायपुर का भ्रमण करवाया जिससे उनको नया एक्सपोजर मिला।
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