Devendra Yadav दिल्ली के बादली क्षेत्र से पूर्व विधायक देवेंद्र यादव को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसी) का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद यादव का नाम सबसे आगे चल रहा था। वर्तमान में वह पार्टी के पंजाब प्रभारी भी हैं। लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में भी कम दिन रह गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस तेजी से डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले ही पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन, दो बाहरी प्रत्याशियों को टिकट देने, पार्टी के दिल्ली प्रभारी द्वारा काम नहीं करने जैसे आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
Devendra Yadav रविवार शाम पार्टी की ओर से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद से ही कांग्रेस में यह सवाल उठ रहा था कि ऐन वक्त पर ऐसा भरोसेमंद चेहरा कौन होगा, जिसे दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी जाए। पार्टी सूत्रों की मानें तो इसके लिए दो वरिष्ठ नेताओं डॉ. नरेन्द्र नाथ और हारुन यूसुफ के नामों पर भी विचार किया जा रहा था। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव के दौरान आक्रामक रणनीति के लिए देवेंद्र यादव को मौका देने का फैसला किया है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से मंगलवार को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए। यादव इससे पहले उत्तराखंड राज्य के प्रभारी भी रह चुके हैं और फिलहाल उन्हें पंजाब का प्रभार सौंपा गया है।
प्रत्याशियों का नामांकन अब शुरू होगा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याशियों का नामांकन अब शुरू हो सकेगा। अचानक दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद खाली होने के कारण प्रत्याशियों द्वारा नामांकन कराने की योजना भी धरी रह गई थी, लेकिन अब उन्हें नामांकन जुलूस आदि में समर्थकों को जुटाने का समय भी मिल सकेगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना चुनौती
देवेंद्र यादव के ऊपर पार्टी के तमाम नेताओं व कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के साथ-साथ आप के साथ तालमेल बैठाने और पार्टी को जीत की तरफ ले जाने वाली चुनावी रणनीति बनाने की चुनौती होगी। दिल्ली की सात सीटों के लिए 25 मई को मतदान होने है, जिसके लिए 25 दिन बचे हैं और दिल्ली कांग्रेस नेतृत्वविहीन और दिशाहीन नजर आ रही है।
भाजपा ने हमला बोला
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस एक डूबा हुआ जहाज है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने 1998 से 2013 तक सत्ता को देखा है और पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को इसकी परवाह नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व की दिल्ली यूनिट के प्रति गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि नेतृत्व ने एक अंशकालिक अध्यक्ष देवेंद्र यादव का चयन किया है।