देहरादून: Contract employees regularisation लंबे समय से समान वेतनमान और नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। जी हां जल्द ही संविदा और अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण पर फैसला लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते 16 मार्च को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सभी विभागों में कार्यरत संविदा, आउटसोर्स और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। हाईकोर्ट ने इसके लिए सरकार को तीन हफ्ते का समय दिया था, जो अब बीत चुका है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि हाईकोर्ट जल्द ही सरकार को नियमितीकरण पर फैसला लेने का आदेश दे सकती है।
Contract employees regularisation गौरतलब है कि मार्च महीने के दूसरे हफ्ते में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था कि सभी विभागों में कार्यरत संविदा, आउटसोर्स और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की जानकारी तीन हफ्ते के भीतर कोर्ट में जमा करें।
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Contract employees regularisation
Contract employees regularisation मामले के अनुसार, वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि वे पिछले कई वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है।
Contract employees regularisation पूर्व में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इन कर्मचारियों के हित में फैसला देते हुए कहा कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए और नियमित किया जाए। सरकार ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास ये पद स्वीकृत नहीं हैं।
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