रायपुरः Contract Employees Regularization CG संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण वर्षों से राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है। चुनावों के समय तो नेता उनके हमदर्द बन जाते हैं, लेकिन जैसे ही सरकार आती है वादों को भूला दिया जाता है। कुलामिलाकर यह कहे कि संविदा कर्मचारी सियासतदारों के वादो और दावों की भंवर में फंस जाते हैं। इसी बीच अब नियमितीकरण की इतंजार में बैठे छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार के पास अभी नियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कोई प्लानिंग नहीं है। विधानसभा में लगाए गए एक प्रश्न के जवाब में सीएम साय ने यह बात कही है।
Contract Employees Regularization CG सीएम साय ने सदन में कही ये बात
Contract Employees Regularization CG दरअसल, महासमुंद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक योगेश्वर राजदू सिन्हा ने विधानसभा के मानसून सत्र के लिए संविदा कर्मचारियों से संबंधित एक प्रश्न लगाया है। उन्होंने पूछा है कि क्या छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? पिछले पांच सालों में कितने संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है? क्या आगे संविदा कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जाएगा? इस प्रश्न के जवाब में सीएम ने कहा है कि संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई कार्ययोजना नहीं तैयार की गई है। वर्तमान में भी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की कोई योजना नहीं है।
पंचायत सचिवों को होगा शासकीयकरण
Contract Employees Regularization CG बता दें कि हाल ही साय सरकार ने प्रदेश के पंचायत सचिवों के शासकीयकरण करने का ऐलान किया है। इसके लिए साय सरकार ने बकायदा कमेटी भी बना दी है। प्रदेश के पंचायत विभाग के सचिव को समिति का प्रमुख बनाया गया है। सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग राजेश सिंह राणा को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राणा के साथ इस समिति में संचालक, पंचायत संचालनालय प्रियंका ऋषि महोबिया सदस्य बनाई गई हैं। साथ ही सचिव और वित्त नियंत्रक, विकास आयुक्त कार्यालय मो. यूनूस को भी सदस्य बनाया गया है। यह समिति 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। बता दें कि प्रदेश में करीब 6000 पंचायत सचिव हैं।
लंबे आंदोलन के बाद भी हाथ आई निराशा
Contract Employees Regularization CG गौरतलब है कि संविदा कर्मचारी पिछले कई सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले भूपेश सरकार में उन्हें नियमित किए जाने का वादा किया गया था, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी संविदा कर्मचारियों के हाथ कुछ नहीं आया और वो आज भी आंदोलनरत हैं।