बिलासपुरः- controversy over buddhist conference छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बौद्ध सम्मेलन में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ लेने के बाद विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया में वायरल हुए इस वीडियो में शपथ के दौरान कांग्रेस की महापौर समेत पार्टी के दो नेताओं को भी देखा जा सकता है। इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने पुलिस से शिकायत कर कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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controversy over buddhist conference भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हालांकि सिंह ने कहा कि इस तरह की शपथ लेने से पहले वह कार्यक्रम से चले गए थे।इस महीने की सात तारीख को राजनांदगांव शहर में राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में रमन सिंह, भाजपा के पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, राजनांदगांव नगर निगम की महापौर मेयर हेमा देशमुख और कांग्रेस नेता तथा स्वर्गीय रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक मौजूद थे।
हिंदू संगठनों दल ने किया विरोध प्रदर्शन
controversy over buddhist conference कार्यक्रम के अगले दिन समारोह का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें लोगों ने संकल्प लिया, ”मै गौरी गणपति इत्यादि हिंदू धर्म के किसी भी देवी देवता को नहीं मानूंगा, और न ही उनकी कभी पूजा करूंगा। मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है।”वीडियो में महापौर देशमुख और वासनिक भी मंच पर नजर आ रहे हैं।
controversy over buddhist conference सोशल मीडिया में वीडियो के वायरल होने के बाद, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तथा कुछ अन्य संगठनों ने यहां वासनिक के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और बाद में पुलिस में शिकायत कर वासनिक और समारोह का आयोजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यह आयोजन कर सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की गई है।महापौर देशमुख ने कहा कि उन्हें समारोह में आमंत्रित किया गया था और वह इस तरह की प्रतिज्ञा के बारे में पूरी तरह से अनजान थीं। वह इसका समर्थन नहीं करती हैं।
हिंदू देवी-देवताओं का हुआ अपमान
controversy over buddhist conference देशमुख ने कहा, ”राज्य स्तरीय बौध्द सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह थे। कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठ नेता भी थे। तय किया गया शपथ लेना है। लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। भगवान के बारे में अपमानजनक बातें कही गई तो मैने शपथ नहीं लिया। वीडियो में देख सकते है मैने हाथ नहीं उठाया है। कार्यक्रम के बाद मैं वहां से चली गई। मैं सनातन धर्म को मानती हूं इसलिए अच्छा नहीं लगा कि भगवान का अपमान हुआ है। उस विचारधारा से असहमत हूं।”
controversy over buddhist conference जब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम की शुरुआत में थे और कुछ देर रूककर चले गए थे। वह शपथ लेने से पहले ही वहां से चले गए थे।इस बीच राजनांदगांव से भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने स्वर्गीय रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष पद से वासनिक के इस्तीफे की मांग की है।पांडेय ने कहा कि राजगामी संपदा न्यास कई मंदिरों का प्रबंधन भी करता है और ऐसी मानसिकता वाला व्यक्ति कैसे उसके अध्यक्ष का पद धारण कर सकता है।
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