लखनऊ: Covid Health Workers Regularization in NHM कोविड महामारी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में संविदा पर भर्ती किए गए 2,200 कर्मचारियों को नहीं निकाला जाएगा। उन्हें एनएचएम, उत्तर प्रदेश के दूसरे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समायोजित किया जाएगा।
रक्षाबंधन से पहले बड़ी सौगात
Covid Health Workers Regularization in NHM उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए। ऐसे में अब इन संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिल गई है। वह यथावत कार्य करते रहेंगे।
समायोजित किए जाने की मांग
Covid Health Workers Regularization in NHM सोमवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में पहुंचे संविदा कर्मचारी समायोजित किए जाने की मांग को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सरकारी आवास पहुंच गए थे। भारी संख्या में मौजूद कर्मचारियों को पुलिस ने किसी तरह मशक्कत कर गेट पर रोका।
किसी भी कर्मचारी की नहीं जाएगी नौकरी
Covid Health Workers Regularization in NHM उप मुख्यमंत्री आवास से बाहर आए और उन्होंने उनकी मांग को सुना। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय कुल 7,200 संविदा कर्मचारियों को भर्ती किया गया था और जरूरत के अनुसार 5,500 कर्मियों को एनएचएम के दूसरे कार्यक्रमों में समायोजित किया गया है। बाकी बचे कर्मचारियों को भी समायोजित किया जाएगा। किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं निकाला जाएगा। सरकार पूरी तरह आपके साथ खड़ी है।
Covid Health Workers Regularization in NHM सम्मानजनक वेतन की मांग
वहीं, दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मेरठ सहित अन्य जिलों में कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। अगले महीने से उन्हें मानदेय भी नहीं दिया जाएगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बजाय संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन दिया जाए। उप मुख्यमंत्री का आश्वासन मिलने के बाद संविदा कर्मचारी शांत हुए। प्रदर्शन में डॉ. स्वप्निल, योगेश पांडेय, आकांक्षा पाल, हरिओम द्विवेदी व विपिन शुक्ला आदि मौजूद रहे।