छतरपुर,मध्यप्रदेशः- Death of Nandi bull मान्यता है कि वेदों ने बैल को धर्म का अवतार माना है. वेदों में बैल को गाय से अधिक मूल्यवान माना गया है. वहीं जब बात नंदी बैल की हो तो वह भगवान शिव के प्रमुख गणों में से एक हैं. मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बुंदेलखंड में केदारनाथ धाम के नाम से मशहूर जटाशंकर धाम का है. यहां एक नंदी बैल का निधन हो गया जिसका बाद में हिंदू विधि विधान से अंतिम संस्कार कर समाधि दी गई.
Death of Nandi bull जानकारी के लिए आपको बता दें बीते दिन तीन सींग और तीन आंखो वाले नंदी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी मंदिर समिति के सदस्यों ने नंदी बैल का अंतिम संस्कार कर विधि विधान से ब्राह्मणों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार करने की ठानी, जिस जगह नंदी पिछले 15 साल से बैठता था. उसी जगह नंदी का निधन हुआ.
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Death of Nandi bull आपको बता दें यह नंदी बैल 15 साल पहले घूमते घूमते जटाशंकर आ गया था. तीन आंख और तीन सींग की वजह से यह बैल जटाशंकर धाम में आकर्षण का केंद्र था. जबसे यह बैल यहां आया था. तभी से लोगों ने इनका नाम नंदी रख दिया था, जो भी श्रद्धालु जटाशंकर धाम में आते थे. वह नंदी के पास जरूर थोडी देर रुक कर उनसे मन्नत मांगते थे.
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