रायपुरः- Diwali Puja Vidhi 2022: इस बार दीपावली (Diwali 2022) का पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि शाम 5 बजे बाद शुरू होने से लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त भी शाम का ही रहेगा। दिन भर लक्ष्मी पूजा नहीं की जा सकेगी। ऐसा संयोग बहुत कम बार बनता है जब दीपावली पर दिन में पूजा का कोई भी शुभ मुहूर्त न हो। सोमवार को देर रात तक दुकान व कारखानों में पूजा की जा सकेगी। आगे जानिए घर के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त साथ ही दुकान, कारखाने व ऑफिस के लिए पूजा मुहूर्त भी। इसके अलावा दीपावली पूजन की विधि, आरती व अन्य खास बातें…
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (घर के लिए)
शाम 05.40 से 06.25 तक
शाम 07.15 से रात 0932 तक
रात 11.43 से 12.40 तक
दुकान के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त
शाम 05.50 से 07.15 तक
रात 08.05 से 09.05 तक
रात 10.34 से 12.11 तक
ऑफिस के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त
शाम 06.05 से 07.32 तक
रात 07.50 से 08.40 तक
रात 10.34 से 12.11 तक
फैक्ट्री के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त
शाम 07.15 से रात 09.05 तक
रात 11.43 से 12.40 तक
रात 01.45 से 03.46 तक
इस विधि से करें देवी लक्ष्मी व श्रीगणेश की पूजा
Diwali Puja Vidhi 2022: शुभ मुहूर्त में घर के किसी हिस्से को गंगाजल से पवित्र करें और वहां चौकी स्थापित करें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और गणेशजी के दाहिने भाग में माता महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। देवी की मूर्ति के पास ही एक बर्तन में कुछ रुपए भी जरूर रखें। ये मंत्र बोलकर पूजन सामग्री पर जल छिड़कें-
ऊं अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।
Diwali Puja Vidhi 2022:
Diwali Puja Vidhi 2022: इसके बाद हाथ में जल और चावल लेकर पूजा का संकल्प लें-
ऊं विष्णुर्विष्णुर्विष्णु: अद्य मासोत्तमे मासे कार्तिकमासे कृष्णपक्षे पुण्यायाममावास्यायां तिथौ वासरे (वार बोलें) गोत्रोत्पन्न: (गोत्र बोलें)/ गुप्तोहंश्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलावाप्तिकामनया ज्ञाताज्ञातकायिकवाचिकमानसिक सकलपापनिवृत्तिपूर्वकं स्थिरलक्ष्मीप्राप्तये श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्यर्थं महालक्ष्मीपूजनं कुबेरादीनां च पूजनं करिष्ये। तदड्त्वेन गौरीगणपत्यादिपूजनं च करिष्ये।
Diwali Puja Vidhi 2022: संकल्प के बाद जल धरती पर छोड़ दें। बाएं हाथ में चावल लेकर मंत्रों को पढ़ते हुए दाहिने हाथ से उन चावलों को प्रतिमा पर छोड़ते जाएं-
ऊं मनो जूतिर्जुषतामाज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं यज्ञ समिमं दधातु। विश्वे देवास इह मादयन्तामोम्प्रतिष्ठ।।
ऊं अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च।
अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन।।
Diwali Puja Vidhi 2022: सबसे पहले भगवान श्रीगणेश को तिलक लगाकर पूजा करें। इसके बाद कलश पर स्वस्तिक बनाकर पूजा करें। इसके बाद श्रीमहालक्ष्मी को तिलक लगाएं और अबीर, गुलाल, हल्दी, चंदन, चावल आदि चीजें चढ़ाकर प्रार्थना करें-
सुरासुरेंद्रादिकिरीटमौक्तिकै-
र्युक्तं सदा यक्तव पादपकंजम्।
परावरं पातु वरं सुमंगल
नमामि भक्त्याखिलकामसिद्धये।।
भवानि त्वं महालक्ष्मी: सर्वकामप्रदायिनी।।
सुपूजिता प्रसन्ना स्यान्महालक्ष्मि नमोस्तु ते।।
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरिप्रिये।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात् त्वदर्चनात्।।
ऊं महालक्ष्म्यै नम:, प्रार्थनापूर्वकं समस्कारान् समर्पयामि।
पूजा के अंत में कृतोनानेन पूजनेन भगवती महालक्ष्मीदेवी प्रीयताम्, न मम। यह बोलकर सभी पूजन कर्म भगवती महालक्ष्मी को समर्पित करें तथा जल छोड़ें।
इस विधि से करें बहीखाता पूजन
Diwali Puja Vidhi 2022: दीपावली पर बहीखातों की पूजा भी की जाती है। बहीखातों पर रोली या केसर युक्त चंदन से स्वस्तिक बनाएं और थैली में पांच हल्दी की गांठें, धनिया, कमलगट्टा, चावल, दूर्वा और कुछ रुपए रखकर उससे देवी सरस्वती की पूजा करें। देवी सरस्वती का ध्यान इस प्रकार करें-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा।।
ऊं वीणापुस्तकधारिण्यै श्रीसरस्वत्यै नम:
इसके बाद गंध, फूल, चावल आदि चढ़ाकर पूजा संपन्न करें।
इस विधि से करें कुबेर पूजन
Diwali Puja Vidhi 2022: धन स्थान यानी तिजोरी या गल्ले के ऊपर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और फिर भगवान कुबेर का आह्वान करें-
आवाहयामि देव त्वामिहायाहि कृपां कुरु।
कोशं वद्र्धय नित्यं त्वं परिरक्ष सुरेश्वर।।
आह्वान के बाद ऊं कुबेराय नम: इस नाम मंत्र से गंध, फूल आदि से पूजन कर इस प्रकार प्रार्थना करें-
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।
भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।
इस प्रकार प्रार्थना कर हल्दी, धनिया, कमलगट्टा, रुपए, दूर्वादि से युक्त थैली तिजोरी मे रखें।
इस विधि से करें दीपमालिका (दीपक) पूजन
Diwali Puja Vidhi 2022: एक थाली में 11, 21 या उससे अधिक दीपक जलाकर देवी महालक्ष्मी के चित्र के पास रखकर उस दीपज्योति का ऊं दीपावल्यै नम: इस नाम मंत्र से पूजा कर प्रार्थना करें-
त्वं ज्योतिस्त्वं रविश्चनद्रो विद्युदग्निश्च तारका:।
सर्वेषां ज्योतिषां ज्योतिर्दीपावल्यै नमो नम:।।
दीपकों की पूजा कर संतरा, ईख, धान इत्यादि पदार्थ चढ़ाएं।
ऐसे करें मां लक्ष्मी की आरती (Devi Lakshami Aarti)
Diwali Puja Vidhi 2022: देवी लक्ष्मी की आरती के लिए एक थाली में स्वस्तिक बनाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। एक अलग थाली में कर्पूर रख कर पूजन स्थान पर रख लें। आरती की थाली में ही एक कलश में जल लेकर स्वयं पर छिड़क लें। पुन: आसन पर खड़े होकर घंटी बजाते हुए महालक्ष्मीजी की आरती करें-
ऊं जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसिदिन सेवत हर विष्णु-धाता।। ऊं।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ऊं…।।
दुर्गारूप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि-सिद्धि धन पाता।। ऊं…।।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधिकी त्राता।। ऊं…।।
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहिं घबराता।। ऊं…।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता।। ऊं…।।
शुभ-गुण-मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता।। ऊं…।।
महालक्ष्मी(जी) की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।। ऊं…।।
Diwali Puja Vidhi 2022: दोनों हाथों में कमल आदि के फूल लेकर हाथ जोड़ें और यह मंत्र बोलें-
ऊं या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:
पापात्मनां कृतधियां ह्रदयेषु बुद्धि:।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा
तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्।।
ऊं श्रीमहालक्ष्म्यै नम:, मंत्रपुष्पांजलिं समर्पयमि।
ऐसा कहकर हाथ में लिए फूल महालक्ष्मी पर चढ़ा दें। प्रदक्षिणा कर प्रणाम करें, पुन: हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना करें-
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि।।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।
सरजिजनिलये सरोजहस्ते धनलतरांशुकगंधमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्वभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।
पुन: प्रणाम करके ऊं अनेन यथाशक्त्यर्चनेन श्रीमहालक्ष्मी: प्रसीदतु। यह कहकर जल छोड़ दें। इसके बाद चावल लेकर श्रीगणेश व महालक्ष्मी की प्रतिमा को छोड़कर अन्य सभी आवाहित, प्रतिष्ठित एवं पूजित देवताओं पर चावल छोड़ते हुए निम्न मंत्र से विसर्जित करें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनरागमनाय च।।
इस प्रकार दीपावली पर पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।