ईडी ब्रेकिंग : मिलर्स एवं एमडी की मिली भगत से 500 करोड़ के कस्टम मिलिंग का नया घोटाला, ईडी ने राइस मिलर्स के यहां रेड में 1.6 करोड़ कैश, घोटाले के कागजात किए सीज

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सीजी न्यूज ऑनलाइन डेस्क, 23 अक्टूबर। प्रवर्तन निदेशालय ईडी के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 500 करोड़ का नए घोटाले का खुलासा किया है। यह घोटाला मिलर्स एवं मार्कशीट के पूर्व एचडी की मिली भगत से हुआ है।

प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने आज शाम एक द्वीट कर 20-21 अक्टूबर को प्रदेश में मारे गए छापों का ब्योरा दिया है। इसमें कहा गया है कि ईडी ने मार्कफेड के पूर्व एमडी, जिला विपणन अधिकारी, राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष ,पदाधिकारियों के यहां जांच की थी। यह रेड कस्टम मिलिंग घोटाले के सिलसिले में की गई थी। इस छापेमारी में घोटाले की पुष्टि करने वाले कागजात, कंप्यूटर के साफ्टवेयर के साथ 1.06 करोड़ रूपए नगद भी सीज किए गए हैं। इन दस्तावेजों के जरिए आगे की जांच जारी है।

ईडी को आईटी अधिनियम, 1961 और आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत विभाग सीजेएम, रायपुर का जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ के अधिकारी राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन के अधिकारियों से मिलीभगत कर फेडरेशन लिमिटेड (मार्कफेड) ने विशेष प्रोत्साहन के दुरुपयोग करने की साजिश रची। और करोड़ों की रिश्वत वसूली। खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार ने धान पर प्रति क्विंटल 40/- विशेष प्रोत्साहन रकम का भुगतान किया । छत्तीसगढ़ के चावल के लिए धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स और बाद में इसमें अत्यधिक वृद्धि की गई।

और 120/- प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया। इसके एवज में प्रत्येक मिलर्स से 60/- के मान ले छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के नेतृत्व में एमडी मनोज सोनी के सहयोग से मार्कफेड ने रिश्वत राशि रुपये एकत्र करना शुरू किया। जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा राशि का नगद भुगतान भेजा गया। संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ)। बिल प्राप्त होने पर डीएमओ राइस मिलर्स ने संबंधित जिले से प्राप्त विवरण के साथ उनकी जांच की।

चावल मिलर्स एसोसिएशन; इसके बाद यह जानकारी मार्कफेड मुख्यालय को दे दी गई। जहां से केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिल जारी किए जाने की योजना बनी, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया है। यह मंजूरी एमडी, मार्कफेड ने दी थी।

ईडी की जांच में पता चला कि स्पेशल अलाउंस में बढ़ोतरी के बाद से 40 रुपये से 120 रुपये क्विंटल के हिसाब से 500 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया। 175 करोड़ रुपये की रिश्वत जो रोशन चंद्राकर ने सक्रिय रूप से एकत्र की थी।

‘उच्च शक्तियों’ के लाभ के लिए एमडी मार्कफेड की ओर से सहायता की गई। रेड के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और बेहिसाब नकदी की जानकारी मिली। इसमें से 1.06 करोड़ जब्त कर लिए गए। आगे की जांच जारी है।

 

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