सरकार ने दिया तगड़ा झटका, आज से काफी महंगे हो जाएंगे इलेक्ट्रिक स्कूटर

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नई दिल्ली : Electric Bike Price Hike यदि आप एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप इसके लिए कुछ ज्यादा पैसा देने के लिए तैयार रहिये। 1 जून से, दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EV) महंगी हो जाएंगी। इसका कारण है कि सरकार ने दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर दी जा रही सब्सिडी में कटौती कर दी है। यह कटौती 1 जून या उसके बाद रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ियों पर लागू होगी।

कितनी होगी सब्सिडी में कटौती

Electric Bike Price Hike

 

भारी उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार फास्टर एडॉप्शन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड वीकल्स इन इंडिया यानी FAME-II योजना के तहत इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए 1 जून से अधिकतम सब्सिडी इलेक्ट्रिक के एक्स-मार्केट मूल्य के मौजूदा 40% से घटकर 15% हो जाएगी। इसके अलावा सब्सिडी मौजूदा 15,000 रुपये के बजाय ईवी की बैटरी क्षमता के प्रति किलोवाट घंटा 10,000 रुपये होगी। इसका मतलब है कि गाड़ी में बैटरी क्षमता पर ₹10,000 प्रति kWh की दर से सब्सिडी की पेशकश की जाएगी। FAME-II प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए मैन्युफैक्चरर के लिए एक स्कूटर की अधिकतम एक्स-फैक्टरी कीमत ₹1.50 लाख होनी चाहिए।

ग्राहकों पर कितना बढ़ेगा बोझ?

एक्सपर्ट के अनुसार दोपहिया इलेक्ट्रिक गाड़ी पर एक्स-फैक्टरी कीमत ₹1.50 लाख रुपये तक पर यह सब्सिडी मिलेगी। मौजूदा नियम के तहत यह सब्सिडी ईवी बनाने पर प्रति गाड़ी 60,000 रुपये तक बैठती थी। मगर अब यह घटकर 22,500 रुपये प्रति गाड़ी हो जाएगी। अगर गाड़ी की कीमत एक लाख रुपये है तो पहले सब्सिडी 40,000 रुपये मिलती थी, अब 15,000 रुपये मिलेगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो कंपनियां गाड़ियां बनाएंगी, उन पर कितना बोझ पड़ेगा। ऑटो एक्सपर्ट का कहना है कि यह अब कंपनियों पर निर्भर करेगा कि वह पहले कितना प्रॉफिट मार्जिन लेकर पहले चल रही थी और अब कितना लेकर चलेंगी। उस हिसाब से बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा।

 

सरकार की क्या है मजबूरी?

सूत्रों का कहना है कि दोपहिया ईवी पर सब्सिडी कम करने का फैसला लेने के पीछे कई कारण हैं। इनमें अहम कारण है कि पिछले वित्त वर्ष करीब 78 लाख दोपहिया ईवी की बिक्री हुई है। यानी जितनी बिक्री बढ़ेगी, उतनी ही सब्सिडी की राशि बढ़ेगी। ऐसे में सरकार ने सब्सिडी में कटौती की है। सरकार पर आमदनी और खर्च के बीच के अंतर को कंट्रोल करने का दबाव है।

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