गाजियाबाद,उत्तर प्रदेशः-गाजियाबाद क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने सात ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोट बनाकर उन्हें बाजार में बड़े आराम से चला देते थे। इनके काम करने का तरीका कारपोरेट को भी मात दे दे। उस प्रेस एजेंसी को भी फेल कर दे, जो इंडियन करेंसी छापती है। महज कुछ मिनट में 200 रुपये के नोट छपकर तैयार हो जाते हैं।
पुलिस के मुताबिक इस गैंग का सरगना आजाद और उसके साथी आलम, रहबर, फुरकान, अब्बासी, यूनुस, सोनी और अमन हैं। बिल्कुल असली से दिखने वाले इन नोटों की वजह से इस धंधे की किसी को भनक तक नहीं लगी। इस ग्रुप में सभी के काम अलग अलग बंटे हुए थे, कोई नोट छापता था तो कोई सिक्योंरिटी मेजर लगाने का काम करता था। इसके बाद ये लोग 100 से 2000 तक के नोट मार्केट में उतार देते थे।
एएसपी ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया का मास्टर माइंड आरोपी आजाद है जिसके दिमाग में ये खयाल आया था जिसके बाद उसने यूट्यूब से नकली नोट बनाने का तरीका सीखा। यह गैंग 17 लाख के जाली नोट यह छाप चुका है। अब तक इन्होंने बाजार में 11 लाख रुपए के नकली नोट बांट दिए हैं।
इनके कब्जे से पुलिस ने 6 लाख 59 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं इनमे भारतीय मुद्रा के 2000 रुपए, 500 रुपए, 200 रुपए और 100 रुपए के जाली नोट हैं। इसके साथ 2 नोट छापने वाले प्रिंटर, 3 नोट कटर और नकली नोट बनाने वाला काफी सामान बरामद किया गया है। पुलिस अभी इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इनके तार किसी विदेशी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं।