नई दिल्लीः- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों के खिलाफ बीते एक साल से ज्यादा समय से विरोध कर रहे किसानों ने घोषणा की है वे 11 दिसबंर बॉर्डर से किसान हट जाएंगे। किसान मोर्चा ने साफ किया कि आंदोलन को खत्म नहीं किया जा रहा है, इसे अभी स्थगित किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में किसान यूनियन जीत का आशीर्वाद लेगी और 15 जनवरी 2022 को संयुक्त किसान यूनियन की फिर से एक बैठक होगी जिसमें समीक्षा होगी। अगर सरकार दाएं-बाएं होती है तो आंदोलन फिर शुरू करने का फैसला लिया जा सकता है।
We have decided to suspend our agitation. We will hold a review meeting on Jan 15. If Govt doesn't fulfill its promises, we could resume our agitation: Farmer leader Gurnam Singh Charuni following a meeting of Samyukta Kisan Morcha in Delhi pic.twitter.com/lWKMdtjeRI
— ANI (@ANI) December 9, 2021
वहीं, आंदोलन की अगुआई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अपना कार्यक्रम भी बना लिया है। जिसमें 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब के लिए फतेह मार्च होगा। सिंघु और टिकरी बॉर्डर से किसान एक साथ पंजाब के लिए वापस रवाना होंगे। 13 दिसंबर को पंजाब के 32 संगठनों के नेता अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में मत्था टेकेंगे। उसके बाद 15 दिसंबर को पंजाब में करीब 113 जगहों पर लगे मोर्चे खत्म कर दिए जाएंगे।
आज सुबह मिली सरकार से चिट्ठी तब माने किसान
किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। हमने 21 नवंबर को अपनी 6 मांगों के साथ एक चिट्ठी लिखी थी। दो हफ्ते तक उस पर कोई जवाब नहीं आया। परसों (7 दिसंबर) सरकार की ओर से एक प्रस्ताव आया था जिसपर हमने कुछ बदलाव बताए थे। उसके बाद कल (8 दिसंबर) फिर एक प्रस्ताव आया और आज केंद्र सरकार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल की ओर से चिट्ठी आई है, जिसके बाद हमने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया है।
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