नई दिल्लीः-राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक देश में पुरुषों के मुकाबले अब महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई है। सर्वे के ताज़ा आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में अब 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं। सर्वे में ये भी कहा गया है कि प्रजनन दर में कमी आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को ये आंकड़े जारी किए। बता दें कि NFHS बड़े पैमाने पर किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है,जिसमें हर परिवार से सैंपल लिए जाते हैं।
देश में पहली बार प्रजनन दर 2.1 से नीचे आई
पहली बार देश में प्रजनन दर 2 पर आ गई है। 2015-16 में यह 2.2 थी। खास बात ये है कि 2.1 की प्रजनन दर को रिप्लेसमेंट मार्क माना जाता है। यानी अगर एक दंपति दो बच्चों को जन्म दे रहे हैं, तो वो दो बच्चे उन्हें रिप्लेस कर लेंगे। 2 से कम बच्चे पैदा करने का मतलब है कि आबादी कम होने की आशंका है। 2.1 की प्रजनन दर पर आबादी की वृद्धि स्थिर बनी रहती है।
खुद का बैंक खाता रखने वाली महिलाओं की संख्या 25% बढ़ी
78.6% महिलाएं अपना बैंक खाता ऑपरेट करती हैं. 2015-16 में यह आंकड़ा 53% ही था। वहीं 43.3% महिलाओं के नाम पर कोई न कोई प्रॉपर्टी है, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 38.4% ही था। माहवारी के दौरान सुरक्षित सैनिटेशन उपाय अपनाने वाली महिलाएं 57.6% से बढ़कर 77.3% हो गई हैं। हालांकि बच्चों और महिलाओं में एनीमिया बड़ी चिंता बनकर उभरा है। 67.1% बच्चे और 15 से 49 वर्ष की 57% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
NFHS-5 का सर्वे यूं किया गया
NFHS का सर्वे दो चरणों में 2019 और 2021 में किया गया। देश के 707 जिलों के 6,50,000 घरों में ये सर्वे किया गया। दूसरे चरण का सर्वे अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया।
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