RCP Singh Joins BJP: कभी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के अध्यक्ष रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद (RCP) सिंह आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। नई दिल्ली में भाजपा कार्यालय में उन्हें धर्मेंद्र प्रधान ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान भाजपा के सांसद अनिल बलूनी, अरुण सिंह मौजूद रहे।
दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू(JDU) नेता आर.सी.पी. सिंह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। pic.twitter.com/T5NbeuOTRp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2023
RCP Singh joines BJP भाजपा में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया और उन्हें ‘पलटी मार’ कहा। सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार बिहार को एक सीएम के रूप में नहीं देख रहे हैं। नीतीश कुमार एक पीएम (पलटी मार) थे, एक पीएम (पलटी मार) हैं और पीएम (पलटी मार) रहेंगे।”
#WATCH नीतीश कुमार को सब PM कहते हैं। मैंने भी उन्हें कहा कि आप PM थे, PM हैं और PM रहेंगे। पीएम मतलब पल्टीमार। उन्होंने कितनी बार विश्वासघात किया है: भाजपा नेता आर.सी.पी. सिंह, दिल्ली pic.twitter.com/iz7SslfGG5
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आरसीपी बोले- जनादेश बिहार के कल्याण के लिए मिला, लेकिन वे क्या कर रहे
RCP Singh joines BJP आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बिहार के कल्याण के लिए जनादेश मिला था, लेकिन अब वह क्या कर रहे हैं? एक दिन वह ओडिशा में हैं, दूसरे दिन झारखंड में और आज वह महाराष्ट्र में हैं। वह अब विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि कौन आपका नेता है? बिना किसी नेता के आप विपक्षी एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
RCP Singh joines BJP आरसीपी सिंह ने क्यों छोड़ी थी जदयू?
RCP Singh joines BJP जदयू ने आरसीपी सिंह से 2013 से 2022 तक यानी पिछले नौ साल में उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज कराई गई सभी अचल संपत्तियों (भूमि के भूखंड) पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। पार्टी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नोटिस भेजे जाने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू छोड़ दिया था।
RCP Singh joines BJP अपने इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार अपने सात जन्मों में से किसी में भी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने जद-यू को डूबता जहाज भी बताया था। नीतीश कुमार के साथ उनके रिश्ते तब खराब हो गए जब उन्होंने मुख्यमंत्री की सहमति के बिना केंद्र में मंत्री पद स्वीकार कर लिया था।