क्‍लास में लड़के, लड़कियों का एक साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ… दिग्गज नेता के इस बयान से मचा बवाल

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girls boys sitting together in class : केरल में लगातार को-एड एजुकेशन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. दरअसल, इस बार को-एड एजुकेशन को भारतीय संस्कृति के खिलाफ और अराजकता पैदा करने वाला बताया गया है. केरल में संख्या की दृष्टि से मजबूत हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने ये बात कही है. उन्होंने कहा कि लड़कियों और लड़कों का क्लास में एक साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है और यह अराजकता पैदा करता है. लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए को-एड एजुकेशन वाले स्कूलों में दोनों लिंग के स्टूडेंट्स को एक साथ पढ़ाया जाता है.

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girls boys sitting together in class : दरअसल, केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार लिंग तटस्थ नीति लेकर आई है. इसके तहत को-एड स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए समान यूनिफॉर्म की बात कही गई है. इस नीति को लेकर बात करते हुए वेल्लापल्ली नतेसन ने ये बातें कहीं. गौरतलब है कि केरल में अगले साल से लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल नहीं होंगे. केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक ऐतिहासिक आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अकेडमिक ईयर 2023-24 से दक्षिणी राज्य में केवल सह-शिक्षा संस्थान होने चाहिए.

हम इंग्लैंड-अमेरिका में नहीं, हमारी अपनी संस्कृति

girls boys sitting together in class : मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाने वाले नतेसन ने कहा, हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), क्लास में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी अपनी संस्कृति है. हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं. एसएनडीपी महासचिव ने कहा, हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने को स्वीकार नहीं करती है. आप ईसाई और मुस्लिम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में ऐसा होते नहीं देखते हैं.
छात्र-छात्राओं को नहीं लगना चाहिए गले

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हालांकि, उन्होंने कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा मैनेज किए जाने वाले एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में ऐसी चीजें हो रही हैं. एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख हिंदू जाति संगठन हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार अराजकता पैदा करता है और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा मैनेज किए जाने वाले कॉलेजों में देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि ऐसे इंस्टीट्यूशन को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या फंडिंग नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं.

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girls boys sitting together in class : नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है. नतेसन ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाता है. वहीं, राज्य सरकार को उसकी लिंग तटस्थ शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

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