गोलगप्पे वाले ‘भैया’ नहीं दीदी, नौकरी छोड़ सड़क पर लगाया ठेला, लड़कों की लग गई लाइन..

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चंडीगढ़ः- golgappe wale didi :सड़क किनारे आपने अक्सर किसी न किसी गोलगप्पे वाले भैया को पानीपूरी बेचते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी गोलगप्पे वाली दीदी को गुपचुप बेचते देखा है? जी हां, सड़क किनारे ठेले पर पानीपूरी बेचने वाली एक लड़की इंटरनेट पर तब छा गई, जब उसने बताया कि उसने अपनी जॉब छोड़कर गोलगप्पे की दुकान लगा ली। हालांकि, शुरू में उसे थोड़ा मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब वह पूरी तरह से सेटल हो गई हैं और लोगों को उनके हाथों की भल्ले पापड़ी, दही चाट भी पसंद है। हम सभी जीविकोपार्जन के लिए काम करते हैं और हममें से कई लोगों को अपने कॉलेज के दिनों में अतिरिक्त पॉकेट मनी के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कुछ ऐसी ही कहानी है चंडीगढ़ की पूनम की।

गोलगप्पे वाली दीदी सोशल मीडिया पर हो गई वायरल 

अगर आप जीवन में कुछ अलग करने की ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। चंडीगढ़ की पूनम इस बात को साबित करती हैं। उसने शहर में एक गोलगप्पे का स्टॉल लगाया, ताकि वह अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमा सके। भारत में रहते हुए हम अक्सर गोलगप्पे बेचने वाले रेहड़ी-पटरी वालों से मिलते हैं. लेकिन क्या आपने कभी किसी लड़की को गोलगप्पे बेचते हुए देखा है? चंडीगढ़ के मोहाली में पूनम को गोलगप्पे बेचते देख फूड ब्लॉगर हैरी उप्पल हैरान रह गए। पूनम मोहाली में चाट स्टॉल चलाती हैं और खुद आलू टिक्की, पापड़ी, चटनी आदि बनाती हैं।

नौकरी छोड़ लगाया ठेला, दीदी के गोलगप्पे खाने के लिए लगी लोगों की भीड़, यूजर्स बोले- वाह दीदी मौज कर दी

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जॉब छोड़ पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे करने की कोशिश

golgappe wale didi : YouTuber और फ़ूड ब्लॉगर हैरी उप्पल ने हाल ही में इस चाट स्टॉल का दौरा किया और पूनम से उसकी दुकान के बारे में बात की कि उसके भोजन को क्या यूनिक बनाता है। उसने व्यवसाय की इस लाइन को क्यों चुना। बातचीत के दौरान पूनम ने खुलासा किया कि उनके पास नौकरी है। उसकी सहेली ने उसे एक दंत चिकित्सालय में नौकरी दिला दी। लेकिन उसने इसे छोड़ दिया, क्योंकि उसके पास पढ़ाई के लिए समय नहीं बच पाता था, इसलिए उसने नौकरी छोड़ दी।

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लोगों को खूब पसंद आ रहा पूनम के बनाए गोलगप्पे

चाट, गोलगप्पे आदि बेचने के बारे में शायद ही कोई सोचता हो। हम सभी ऑफिस में काम करने के बारे में ही सोचते हैं। यहां तक कि उसका परिवार भी शुरू में उसके फैसले के खिलाफ था और जबकि उसने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसा कुछ करेगी। अंत में, उसे लगा कि इस तरह से पैसा कमाने में कोई शर्म नहीं है। पूनम की कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। यदि आप कभी मोहाली जाते हैं, तो आपको इस स्टॉल से चाट का स्वाद जरूर चखना चाहिए। पूनम द्वारा बनाए गए गोलगप्पे और चार्ट लोगों को खूब भा रहा है। उसके खेलें पर गोलगप्पे खाने के लिए युवाओं से लेकर बड़े बुजुर्गों तक की भीड़ लगी रहती है।

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