शुक्रवार, 19 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी (krishan janmashtami 2022) का त्यैहार धूम-धाम से मनाया जाएगा. इस त्यैहार में कई जगह माखन से भरी हुए मटकी को फोड़ने की परंपरा भी है. जहां 20 से 30 फिट की ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की हांडी को फोड़ा जाता है, उससे पहले हांडी को दही, घी, बादाम और सूखे मेवे से भर दिया जाता है. जिसको दही हांडी का खेल कहते हैं. इसकी तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती हैं और जन्माष्टमी के दिन अलग अलग ग्रुप इस खेल में भाग लेता है. जो इस हांडी को सफलता पूर्वक फोड़ता है उसे इनाम दिया जाता है. इस खेल से जुड़े गोविंदाओं के लिए अच्छी खबर ये है कि महाराष्ट्र में दही हांडी (Dahi Handi) को एक खेल का दर्जा दे दिया गया है.
Govindas broke the pot got the status
महाराष्ट्र सरकार ने की घोषणा
दही हांडी को एक एडवेंचर स्पोर्ट्स के रुप में माना जाएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि दही हांडी में शामिल होने वाले गोविंदाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ, सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण भी दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह प्रो कबड्डी को नियमों के आधार खेला जाता है, उसी तरह राज्य में दही हांडी प्रतिस्पर्द्धा भी शुरू की जाएगी. सीएम सिंदे का दही हांडी से काफी गहरा लगवा लगता है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने दही हांडी के त्यौहार पर राज्य में सार्वजनिक छुट्टी घोषित करने का ऐलान किया था.
गोविंदाओं के मिलेंगे कई तरह के फायदें
सरकार ने इसके लिए सरकारी आदेश भी जारी कर दिया है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि अब दही-हांडी का खेल सिर्फ गोकुलाष्टमी या जन्माष्टमी के दिन नहीं बल्कि साल के 365 दिन एक एडवेंचर स्पोर्ट के तौर पर खेला जा सकेगा. सरकार ने गोविंदाओं कई तरह की सुविधा देने की भी बात कही है. दही हांडी खेलते वक्त अगर दुर्घटना हो जाती है और ऐसे में किसी गोविंदा की मौत हो जाती है तो उस गोविंदा के परिवार वालों को 10 लाख रुपए की मदद दी जाएगी. इसके अलावा गंभीर रूप से घायल गोविंदा को 7 लाख 50 हजार रुपए की रकम मदद के लिए दी जाएगी.
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