राशन कार्ड धारकों की बल्‍ले-बल्‍ले, सरकार ने शुरू की नई सुव‍िधा, जानकर खुशी से झूम उठेंगे आप

1 min read

नई दिल्ली। govt gave gift to the ration card holder अगर आपके पास भी राशन कार्ड है और आप सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं तो यह खबर आपके ल‍िए है. 269 ज‍िलों में पब्‍ल‍िक ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन स‍िस्‍टम (PDS) के जर‍िये फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से समृद्ध किया गया) चावल वितरित किया जा रहा है. देश के बाकी जिलों को मार्च, 2024 की समय सीमा से पहले इस दायरे में लिया जाएगा. केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की तरफ से यह जानकारी दी गई.

Read More: Uranus Picture: NASA के टेलिस्कोप में कैद हुई यूरेनस की सुंदर फोटो, देखिए आज के दौर की अद्भुत तस्वीर

govt gave gift to the ration card holder पीएम मोदी ने 2021 में कहा था कि सरकार का लक्ष्य 2024 तक देशभर में सरकारी योजनाओं के जर‍िये पोषक तत्वों से समृद्ध किया गया चावल (फोर्टिफाइड चावल) वितरित करना है. इस घोषणा के बाद बच्चों और महिलाओं में एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सूक्ष्म पोषक तत्वों युक्त फोर्टीफाइड चावल के वितरण की योजना को अक्टूबर 2021 में शुरू क‍िया गया था.

Read More: IPL 2023 : बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंची LSG की पूरी टीम, पूजन-पाठ कर लगाई ‘जीत’ की अर्जी, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

केंद्र सरकार की अनूठी और सफल पहल
चोपड़ा ने कहा कि पिछले दो चरणों में फोर्टिफाइड चावल वितरण को सफलतापूर्वक लागू किया गया है. उन्होंने कहा, ‘यह केंद्र सरकार की एक अनूठी और बहुत सफल पहल है, जिसने पिछले दो साल में अच्छे परिणाम दिए हैं. हम जनता से मिली प्रतिक्रिया से बेहद उत्साहित हैं.’ उन्होंने कहा पहले कुछ गलतफहमियां थीं, लेकिन उसे दूर कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह पहल, स्वस्थ भारत की नींव रखेगी.

उन्‍होंने बताया, ‘हमने अब तक 269 जिलों में पीडीएस (राशन दुकान) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू क‍िया है. हम जिस गति से प्रगति कर रहे हैं, शेष जिलों को तय समय सीमा से पहले ही योजना के दायरे में लिया जाएगा.’ उन्होंने कहा देश में लगभग 735 जिले हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक चावल खाने वाली आबादी हैं. चोपड़ा ने आगे कहा कि देश में पर्याप्त फोर्टिफाइड चावल है, क्योंकि वर्तमान में इस चावल की उत्पादन क्षमता लगभग 17 लाख टन है.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours